मुस्लिम धर्मगुरु के साथ पीएम मोदी और मन की बात की उर्दू में प्रकाशित किताब
UP Politics: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नजर उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर है, जिस पर पकड़ बनाकर वो लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का ख्वाब देख रही है. इसलिए पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. इसके लिए पार्टी नजर मुस्लिम वोटरों पर भी टिकी है. बीजेपी पहले ही पसमांदा सम्मेलन कराकर पसमांदा मुसलमानों को साधने की कोशिश कर चुकी है. अब पार्टी ने पीएम मोदी के ‘मन की बात’ को उर्दू में तर्जुमा कर छपवाने का फैसला किया है. ताकि मन की बात उर्दू संस्करण मुस्लिम इलाकों तक पहुंच सके और उनका मन बदला जा सके.
योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा, “निश्चित तौर पर हमारे अल्पसंख्यक समाज को, मुस्लिम समाज को भी पीएम मोदी के विचार, उनकी सोंच और उनका प्लानिंग इन तमाम चीजों से अवगत कराने के लिए मन की बात को उर्दू में अनुवाद कर करने का काम किया जा रहा है. जिससे ज्यादा से ज्यादा जागरुकता फैल सके.”
साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ के साथ ही सबका विश्वास की कड़ी को अल्पसंख्यकों तक विस्तृत करने का पीएम मोदी फैसला कर चुके हैं. तीन तलाक के बहाने मुस्लिम महिलाओं की चिंता को उन्होंने साझा किया. मुस्लिमों खास तौर पर पिछड़ों और गरीब तबकों में पैठ बनाने के लिए सक्रियता बढ़ाई. लेकिन अब मन की बात को उर्दू में लाकर उनकी नजरें लोकसभा चुनाव पर है.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने कहा, “मैं अल्पसंख्यक मोर्चा का कार्यकर्ता हूं, इसलिए मुझे लगता है कि मन की बात उर्दू में जब किताब बनेगी तो उन लोगों तक पहुंचाई जाएगी जो 14 लोकसभा सीटें हैं जिनको हम हारे हैं, उन लोकसभा के प्रमुख लोगों तक पहुंचाई जाएगी जो लोक उर्दू को पढ़ते हैं, ऊर्दू को चाहते हैं और जानते हैं.”
वहीं, सपा इसे ढकोसला मानते हुए बीजेपी पर आरोप लगा रही है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी इसे किस मुंह से उर्दू की तरफ जा रही है. जिसने खास कर मुसलमान भाइयों को अपमानित किया हो और केवल राजनीति उत्तर प्रदेश में ये है कि मुस्लिम को तबाह कर दो, परेशान कर दो, हिंदु-मुस्लिम के बीच खाई पैदा कर दो. वहीं लोग कैसे उर्दू की भाषा को समझेंगे.
उधर, मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना सूफ़ियान निज़ामी का कहना है कि जो लोग मुसलमानों के करीब आना चाहते हैं उनका हम स्वागत करते हैं. वो मुसलमानों के करीब आएं, लेकिन साथ-साथ अपनी करनी और कथनी में अगर फर्क ना करें तो ये ज्यादा बेहतर होगा.
बीजेपी के प्रदेश अल्पसंख्क मोर्चा ने पिछले एक साल के पीएम मोदी के मन की बात का उर्दू अनुवाद कराकर उसे किताब की शक्ल दे दी है. 130 से अधिक पेज वाली इस किताब में मन की बात के 12 संस्करणों को शामिल किया गया है. अल्पसंख्यक मोर्चा मुस्लिम बहुल इलाके में खासतौर पर उन क्षेत्रों में इन्हें वितरित करेगी, जहां बीजेपी की जड़ें कमजोर है.
बीजेपी कोशिश यही है कि इसी रमजान में इन किताबों को लोगों के बीच में बाटने की जो प्रकिया है उसे शुरू कर दी जाए.
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