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बृजभूषण सिंह को पेशी से मिला छुटकारा, कोर्ट में वकीलों ने रखी ये दलीलें

महिला पहलवानों से कथित यौन शोषण का मामले में बृजभूषण सिंह ने आज कोर्ट में पेशी से छूट मांगी. बृजभूषण सिंह को कोर्ट ने आज पेशी से छूट दिया. बृजभूषण के वकील ने आज अपनी दलील रखी.

Brij Bhushan Sharan Singh

भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (फोटो फाइल)

Brij Bhushan Singh: महिला पहलवानों से कथित यौन शोषण के मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह को कोर्ट ने आज यानी गुरुवार को पेशी से छूट दे दी. अदालत में बृजभूषण के वकील ने ने दलीलें रखीं. बृजभूषण के वकील ने कहा कि ट्वीट के आधार पर ओवर साइट कमेटी बनाई गई थी, 6 शिकायतकर्ताओं में से सिर्फ 2 ने कमेटी के सामने लिखित हलफनामा दाखिल किया था. बृजभूषण के वकील ने कहा कि एक शिकायतकर्ता ने बृजभूषण पर दिल्ली में कुश्ती संघ के मुख्यालय में सैक्सवली हैरेस करने का आरोप लगाया जिसमें शिकायतकर्ता ने घटना की तारीख बार बार बदली. बृजभूषण के वकील ने कहा कि एक शिकायतकर्ता ने अपने हलफनामे में 15 अक्टूबर 2017, अपने बयान में सिर्फ अक्टूबर के महीना बताया और FIR में तारीख 16 अक्टूबर 2017 बताई.

बृजभूषण के वकील ने कहा कि 16 अक्टूबर 2017 को बृजभूषण शरण सिंह दिल्ली में ही मौजूद नहीं थे. बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने FIR में आरोप लगा दिया लेकिन चार्ज फ्रेम करते समय अदालत को सभी तथ्यों को देखना चाहिए.

बृजभूषण के वकील ने कहा कि अगर अनजान शख्स किसी को गले लगता है तो यह समझ में आता है कि नियत सही नहीं थी, लेकिन जहां पर एक खेल की इवेंट चल रही है और जहां खिलाड़ी एक दूसरे को गले लगते हैं ऐसे में वहां पर नियत पर सवाल नहीं उठाया जाता है. बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने दिल्ली की दो घटनाओं का ज़िक्र किया गया है.

उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर 2017 को यौन उत्पीड़न की घटना हुई और 17 अक्टूबर को दुबारा WFI के मुख्यालय आई. बृजभूषण के वकील ने कहा कि ओवर साइट कमेटी से सामने 17 अक्टूबर की किसी घटना का ज़िक्र नहीं किया गया और FIR में भी इस घटना का ज़िक्र नहीं है.

वकील ने कहा कि ओवर साइट के रिकॉर्ड में और ओवर साइट में दाखिल हलफनामा में 17 अक्टूबर की किसी घटना का ज़िक्र नहीं है, 17 अक्टूबर की घटना का ज़िक्र उसके बाद लगाया गया. बृजभूषण के वकील ने कहा कि जो सुनवाई ओवर साइट कमेटी में हुई है उसको शिकायतकर्ता भी खारिज नहीं कर सकते है, ओवर साइट कमेटी पॉश एक्ट के तहत बनाई गई थी और पॉश एक्ट को सिविल अदालत का अधिकार होता है.

बृजभूषण के वकील ने कहा कि ओवर साइट कमेटी के सदस्य भारतीय ओलंपिक संघ के सदस्य थे, कुश्ती संघ का कोई सदस्य नहीं था. बृजभूषण के वकील ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाई गई ओवर साइट कमेटी ने निष्पक्ष रूप से सुनवाई किया था. कोर्ट ने टिप्पणी किया कि ओवर साइट कमेटी ने इतनी निष्पक्ष सुनवाई के बाद भी कोई फाइंडिंग नहीं दिया.  बृजभूषण के वकील ने कहा कि सेक्सुअल हैरेसमेंट को लेकर ओवर साइट कमेटी ने कोई आरोप नहीं लगाया है.

महिला पहलवानों से कथित यौन शोषण का मामले में बृजभूषण सिंह ने आज कोर्ट में पेशी से छूट मांगी. बृजभूषण सिंह को कोर्ट ने आज पेशी से छूट दिया. बृजभूषण के वकील ने आज अपनी दलील रखी. राउज़ एवेन्यु कोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी हुई. राउज़ एवेन्यु कोर्ट में 21 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी. बृजभूषण के वकील ने कहा कि ओवर साइट कमेटी पॉश एक्ट के तहत बनाई गई थी इसलिए ओवर साइट कमेटी के सामने दर्ज किए गए बयान को शिकायतकर्ता का पहला बयान माना जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

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