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Budget Session: सरकार की योजनाओं के केंद्र में महिलाओं का जीवन सुगम बनाना और नारी सशक्तीकरण अहम- बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू

Budget Session: राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह देखकर गर्व होता है कि आज हमारी बहनें और बेटियां उत्कल भारती के सपनों के अनुरूप विश्व स्तर पर अपनी कीर्ति पताका फहरा रही हैं.

President-Draupadi-Murmu

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

Budget Session: संसद में आज से शुरु हुए बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना अभिभाषण दिया. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सरकार की कई उपलब्धियों के बारे में भी बताया. उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं के केंद्र में महिलाओं का जीवन सुगम बनाना और नारी सशक्तीकरण को अहम बताया.

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की चर्चा, पढ़ी ओडिया भाषा की कविता

संसद में आज महिला सशक्तीकरण पर बोलते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता का परिणाम है कि देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है एवं महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले और बेहतर हुआ है. उन्होंने संसद के सेंट्रल हॉल में अपने अभिभाषण में यह भी कहा कि, ‘‘मेरी सरकार की एक बहुत बड़ी उपलब्धि महिला सशक्तीकरण रही है. मुझे प्रसन्नता है कि महिलाओं की ऐसी प्रगति के पीछे मेरी सरकार के प्रयासों का संबल रहा है.’’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिया भाषा की कवयित्री ‘उत्कल भारती’ कुंतला कुमारी साबत की करीब 100 साल पहले लिखी ‘नारी-शक्ति’ नामक कविता भी पढ़ी. इस कविता का अर्थ है, ‘‘भारत की नारी पृथ्वी पर किसी की तुलना में न तो हीन है, न दीन है. सम्पूर्ण जगत में उसकी अमर कीर्ति युगों-युगों तक कभी लुप्त नहीं होगी यानि सदैव बनी रहेगी.’’

भारत की बेटियां विश्व स्तर पर फहरा रहीं कीर्ति पताका

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे यह देखकर गर्व होता है कि आज हमारी बहनें और बेटियां उत्कल भारती के सपनों के अनुरूप विश्व स्तर पर अपनी कीर्ति पताका फहरा रही हैं.’’ मुर्मू ने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के परिणामस्वरुप महिलाओं का जीवन हुआ है और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिला है.

इसे लेकर उन्होंने कहा, ‘‘ ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता आज हम देख रहे हैं. सरकार के प्रयासों से समाज में जो चेतना आई, उससे बेटियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है. देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है और महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले और बेहतर हुआ है.’’

राष्ट्रपति मुर्मू ने सरकार की योजनाओं को सराहा

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘मेरी सरकार बेटियों की पढ़ाई से लेकर उनके कॅरियर तक हर बाधा को दूर करने का प्रयास कर रही है. देश के सरकारी स्कूलों में बेटियों के लिए अलग शौचालयों का निर्माण हो या फिर सैनिटेरी पैड्स से जुड़ी योजना, इससे बेटियों के ड्रॉप आउट रेट में बहुत कमी आई है.’’

उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान से महिलाओं की गरिमा तो बढ़ी ही है, इससे एक सुरक्षित माहौल भी उन्हें मिला है. उन्होंने आगे कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना से देशभर की करोड़ों बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए पहली बार बचत खाते खुले हैं, वहीं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बेटियों की शिक्षा के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी काम, किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश न हो.

सेना से लेकर हर सेक्टर में महिलाओं की भर्ती

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘इसलिए खनन से लेकर सेना में अग्रिम मोर्चों तक, हर सेक्टर में महिलाओं की भर्ती को खोल दिया गया है. सैनिक स्कूलों से लेकर मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूलों तक में, अब हमारी बेटियां पढ़ाई और प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. ये मेरी सरकार ही है जिसने मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया है.’’ उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि मुद्रा योजना में लगभग 70 प्रतिशत महिला उद्यमी ही लाभार्थी हैं.

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आर्थिक शक्ति और सामाजिक फैसलों में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी 

राष्ट्रपति ने अपनी स्पीच में कहा, ‘‘एक अध्ययन के अनुसार, इस योजना से महिलाओं की आर्थिक शक्ति और सामाजिक फैसलों में उनकी भागीदारी बढ़ी है. पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाले घरों की रजिस्ट्री भी महिलाओं के नाम पर होने से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है.’’

वहीं अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जनधन योजना से पहली बार देश में बैंकिंग सुविधाओं में महिलाओं और पुरुषों के बीच अब बराबरी आ गई है, देश में 80 लाख से ज्यादा इस समय स्वयं-सहायता समूह भी काम कर रहे हैं, जिनमें लगभग नौ करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं और सरकार द्वारा इन महिला स्वयं- सहायता समूहों को लाखों करोड़ रुपए की मदद दी जा रही है.

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