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Gyanvapi Case: ‘फव्वारे को शिवलिंग बताकर ज्ञानवापी पर कब्जा और दंगा करवाने…’, मौलाना तौकीर रजा ने दिया भड़काऊ बयान, सीएम पर साधा निशाना

तौकीर रजा ने कहा कि, तुम्हारा उस शिवलिंग से ज्यादा महत्वपूर्ण कैलाश मानसरोवर कैलाश पर्वत है. उसको दोबारा हिंदुस्तान में लाया जा सकता है. हमारी जरूरत हो तो हम भी आपके साथ खड़े है.

मौलाना तौकीर रजा (फोटो-सोशल मीडिया)

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के एएसआई के सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष में आए फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से रोज एक न एक बयान सामने आ रहे हैं. ताजा बयान इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा की ओर से आया है. उन्होंने विवादित व भड़काऊ बयान देते हुए कहा है कि, “जानबूझकर फव्वारे को शिवलिंग बताकर ज्ञानवापी पर कब्जा करने और दंगा करवाने की कोशिश की जा रही है.”

ज्ञानवापी को लेकर सीएम धमका रहे हैं मुसलमानों को

इसी के साथ उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी हमला बोला है और उनके ज्ञानवापी को लेकर दिए बयान पर कहा कि, “सीएम योगी ने ज्ञानवापी को लेकर जो बयान दिया है वो मुसलमानो को धमका रहे हैं. इसी के साथ हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा पर यात्रा निकाल रहे लोगों पर हमला बोला और कहा कि, “वहां यात्रा निकाल रहे लोगों ने पत्थर बरसाए थे, मुसलमान पत्थर नहीं बरसा सकते.”

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हर बड़ी मस्जिद में होता है फव्वारा

तौकीर रजा ने ज्ञानवापी को लेकर मीडिया से बात करते हुए कहा है कि, ज्ञानवापी मस्जिद में जिस शिवलिंग की बात की जा रही है, ऐसा फव्वारा हर बड़ी मस्जिद में होता है. इसी के साथ आगे उन्होंने कहा है कि, इसको नासमझी कहा जाए या फिर जबरदस्ती दंगा कराने की कोशिश. इसी के साथ कहा कि ज्ञानवापी पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है. इसी के साथ सीएम पर हमला बोलते हुए कहा कि वह किसी कानून से ऊपर नहीं हैं और कहा कि बीजेपी वाले थाने में भी गुंडागर्दी करते हैं.

हिंदुस्तान में इस्लाम आने के बाद मोहल्ले के मोहल्लों ने कबूल किया था इस्लाम

तौकीर रजा ने पत्रकारों से बात करते हुए अपनी बात जारी रखी और कहा कि, हिंदुस्तान में जब इस्लाम आया तो बहुत से मोहल्ले के मोहल्ले, इलाके के इलाके इस्लाम कबूल करने लगे थे. तो बहुत सी ऐसी मस्जिदों में इस किस्म की कलाकृतियां मिल सकती हैं. इसी के साथ उन्होंने कहा कि, वह लोग जो मुसलमान हुए उन्होंने अपनी इबादतगाह को मस्जिद में तब्दील कर दिया. इसी के साथ मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि, अगर जबरदस्ती किसी किस्म के फसाद को पैदा करना और अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर कमजोर को गरीब को दबाना गलत है.

कैलाश मानसरोवर को लेकर कही ये बात

तौकीर रजा ने कहा कि वाकई शिवलिंग से मोहब्बत है, शंकर जी से मोहब्बत है, तो तुम्हारा उस शिवलिंग से ज्यादा महत्वपूर्ण कैलाश मानसरोवर कैलाश पर्वत है. इसी के साथ रजा ने कहा कि, एक जमाना था कि वो हिंदुस्तान में हुआ करता था, आप चाहे तो उसको दोबारा हिंदुस्तान में लाया जा सकता है. वो हिंदुओ की सबसे बड़ी आस्था का केंद्र है. इसी के साथ उन्होंने सलाह दी कि, इस पर सीएम योगी और पीएम मोदी को काम करना चाहिए. इसी के साथ बोले कि, हमारी जरूरत हो तो हम भी आपके साथ खड़े है. इसी के साथ बोले कि, लेकिन इस तरह से जो फसाद का जो माहौल बनाया जा रहा है वो सही नहीं है.

बरेली में नई परंपरा डालने की हो रही है कोशिश

वहीं तौकीर रजा ने बरेली को लेकर कहा कि, अब बरेली में भी नई परंपरा डालने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए जिक्र किया कि, एक इलाके से जबरदस्ती इसी रास्ते से कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है. क्या उस रास्ते के अलावा कोई रास्ता नहीं है, परंपरागत रास्ता नहीं है. इसी के साथ बोले कि, अगर कांवड़ लेकर जाने में यात्रियों को दिक्कत हो रही है, तो हम अपने घर में से कांवड़ को रास्ता देने को तैयार हैं, लेकिन रास्ता मौजूद है और उस रास्ते पर चलने में कोई दिक्कत भी नहीं. इसी के साथ बोले कि, अब हमें देखना है कि, उत्तर प्रदेश में हिंदुस्तान में इंसाफ नाम की कोई चीज है कि नहीं. साथ ही कहा कि, अमन के लिए जो काम हो सकता है जो इंसाफ हो सकता है, वह पुलिस प्रशासन को करना चाहिए. इसी के साथ बरेली विधायक और मेयर पर हमला बोला और कहा कि, अगर एमएलए और मेयर कहेंगे की कांवड़ यात्रा यहीं से गुजरेगी तो कैसे गुजरेगी. कानून भी कोई चीज है या नहीं.

कांवड़ यात्रा में तमंचे का क्या काम

कांवड़ यात्रा आस्था का मामला है. आस्था में हथियारों का क्या काम है, तमंचे का क्या काम है, दंगे फसाद का क्या काम है. अगर जल चढ़ाने जा रहे हो ईमानदारी से आस्था का मामला है मैं अपने घर में से रास्ता दूंगा. एसएसपी प्रभाकर चौधरी और डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने जो काम किया, जो फैसला उन्होंने लिया, वो बहुत अच्छा फैसला लिया. मैं यह समझता हूं बरेली को फसाद की आग में झोंकने की पूरी तैयारी थी. अगर इन दोनों अधिकारियों ने जिम्मेदारी से फैसला ना किया होता तो बरेली ही नही पूरे यूपी में दंगे फसाद हो रहे होते.

हमारे सब्र को अजमाने की हो रही है कोशिश

इसी के साथ रजा ने नूंह हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि, हमारे सब्र को आजमाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि, अगर हमारी मस्जिद पर भभूत फेंकी जायेगी, मस्जिद के आगे आकर हंगामा करोगे, गुंडागर्दी करोगे, तो मुसलमान कब तक सब्र करेगा. इसी के साथ बोले कि यात्रा करने वालों ने पत्थर फेंके और बोले कि सब्र का भी एक पैमाना होता है. पुलिस को गलत काम करने वाले को रोकना चाहिए. चाहे कोई हो. चाहे एमपी हो या एमएलए कानून से ऊपर नहीं है.

मथुरा, ईदगाह और जामा मस्जिद के लिए भी कही जाएगा यही बात

तौकीर रजा नाराजगी जताते हुए बोले कि, आज ज्ञानवापी के लिए बात कही जा रही है. इसके बाद मथुरा, ईदगाह और जामा मस्जिद के लिए भी यही बात कही जाएगी. इसी के साथ बोले कि हिंदू राष्ट्र बनाना है तो यह तो रोज करेंगे, रोज करते रहेंगे. साथ ही कहा कि, हमें यह देखना है कि इनके दिल में इंसाफ नाम की कोई चीज है या नहीं. इसी के साथ बोले कि इनकी आत्मा अगर मर चुकी है. अगर ऐसा है, तब तो कुछ नहीं कहा जा सकता. फिर वह बोले कि, मैं समझता हूं कहीं ना कहीं इंसाफ अभी बाकी है. इसी के साथ धमकी वाले अंदाज में बोले कि बरेली में नई परंपरा डाली जाती है तो उसका जवाब इंशाल्लाह बरेली में बहुत जल्दी आ जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

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