Bharat Express

आजमगढ़ में CBI की कार्रवाई, रिश्वत लेते हुए डाक विभाग के SDI समेत तीन अधिकारी गिरफ्तार

CBI ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ प्रधान डाकघर के तीन अधिकारियों—SDI, ओवरसियर और डाक सहायक—को ₹7,500 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. ये रिश्वत एक सहायक शाखा डाकपाल की नियुक्ति और पदभार ग्रहण करने की अनुमति देने के लिए मांगी गई थी.

CBI

सीबीआई.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित प्रधान डाकघर के तीन अधिकारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में उप मंडलीय निरीक्षक (SDI), एक ओवरसियर और एक डाक सहायक शामिल हैं. इन पर एक शिकायतकर्ता से ₹7,500 की रिश्वत लेने का आरोप है.

CBI ने 4 फरवरी 2025 को इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उप मंडलीय निरीक्षक (SDI) और ओवरसियर ने उससे ₹25,000 की रिश्वत की मांग की थी. यह रिश्वत उसे ग्राम डाक सेवा, रसूलपुर नंदलाल शाखा, भारतीय डाक, आजमगढ़ में सहायक शाखा डाकपाल (Assistant Branch Post Master) के रूप में नियुक्ति पत्र सौंपने और पदभार ग्रहण करने की अनुमति देने के लिए मांगी गई थी.

शिकायतकर्ता ने जब इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई, तो बातचीत के बाद रिश्वत की राशि घटाकर ₹10,000 कर दी गई. इसके बावजूद शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना CBI को दी, जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया.

CBI का जाल और रंगे हाथ गिरफ्तारी

CBI ने इस मामले में एक जाल बिछाया (Trap Lay) और 4 फरवरी 2025 को प्रधान डाकघर, आजमगढ़ में एक डाक सहायक को रंगे हाथ पकड़ लिया. यह डाक सहायक SDI और ओवरसियर के लिए शिकायतकर्ता से ₹7,500 की रिश्वत ले रहा था. CBI ने रिश्वत लेते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

इसके बाद CBI ने मामले में नामित तीनों आरोपियों—SDI, ओवरसियर और डाक सहायक—को हिरासत में ले लिया. गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को CBI की विशेष अदालत, भ्रष्टाचार निरोधक, कोर्ट नंबर-2, लखनऊ में पेश किया जाएगा. CBI अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है और अन्य संभावित आरोपियों की संलिप्तता की भी जांच हो सकती है.

CBI की इस कार्रवाई के बाद आजमगढ़ डाक विभाग में हड़कंप मच गया है. सूत्रों के अनुसार, CBI इस मामले से जुड़े अन्य अधिकारियों या कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर सकती है. भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए CBI अधिकारियों ने कहा कि “रिश्वतखोरी के मामलों में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.”

यह मामला यह दर्शाता है कि कैसे सरकारी विभागों में नियुक्तियों के दौरान भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं. CBI की इस कार्रवाई से उम्मीद की जा रही है कि सरकारी विभागों में चल रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता बढ़ेगी.

ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने 21 साल की मृत महिला के शव से यौन शोषण को बलात्कार मानने से किया इनकार, जानें क्या है पूरा मामला

-भारत एक्सप्रेस 



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read