गाजियाबाद स्थित सीबीआई कोर्ट
Etah Fake Encounter: यूपी की गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने आज एक फर्जी एनकाउंटर के मामले में सजा सुनाई है. कोर्ट ने एसएचओ समेत नौ पुलिसकर्मियों को अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया है. सजा को लेकर आज पहले बहस की गई, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. साल 2007 में हाईकोर्ट ने इस केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था.
SHO समेत 5 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास
साल 2006 में उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार थी. एटा जिले की सिढ़पुरा थाने की पुलिस ने 16 अगस्त को मिलावली गांव के रहने वाले फर्नीचर कारीगर राजाराम को एनकाउंटर (Etah Fake Encounter) में मार गिराया था. 16 साल पुराने मामले आज कोर्ट ने पवन सिंह, पाल सिंह ठेनवा, राजेन्द्र प्रसाद, सरनाम सिंह और मोहकम सिंह को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी माना और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही 33 हजार का जुर्माना भी लगाया.
चार पुलिसकर्मियों को 5-5 साल की सजा
तो वहीं, सीबीआई कोर्ट ने अन्य दोषियों, जिसमें बलदेव प्रसाद, सुमेर सिंह, अजय कुमार और अवधेश रावत को सबूत मिटाने और कॉमन इंटेंशन का आरोपी माना है. जिसके बाद कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को 5- 5 साल की जेल और 11 हजार का जुर्माना लगाया है.
हाईकोर्ट ने CBI को ट्रांसफर कर दिया था केस
दरअसल, साल 2006 में एटा पुलिस ने एक एनकाउंटर (Etah Fake Encounter) में मिलावली गांव के राजाराम को मार दिया था. मृतक की पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील की थी और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 1 जून 2007 को केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था.
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इस केस की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने थानेदार पवन सिंह, दारोगा अजंट सिंह, पाल सिंह ठेनवा, सिपाही सरनाम सिंह, सिपाही राजेंद्र प्रसाद, ड्राइवर मोहकम सिंह, सब इंस्पेक्टर बलदेव प्रसाद, सब इंस्पेक्टर सुमेर सिंह, सिपाही अजय कुमार और अवधेश रावत को आरोपी मानते हुए चार्जशीट दाखिल की थी. हालांकि केस की सुनवाई के दौरान दारोगा अजंट सिंह की मौत हो गई थी.
-भारत एक्सप्रेस