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Mahakumbh Mega Conclave: महाकुंभ में आस्था के साथ आएं, पिकनिक मनाने न आएं: महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री

प्रयागराज की पावन धरती पर शुक्रवार को भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की ओर से हुए मेगा कॉन्क्लेव ‘महाकुंभ: माहात्म्य पर महामंथन’ में श्री निर्मल पंचायती अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री और लक्ष्मण सिंह शास्त्री ने महाकुंभ को लेकर बातचीत की.

Mahakumbh Mega Conclave

Mahakumbh: Mahatmya Par Mahamanthan: प्रयागराज की पावन धरती पर शुक्रवार को भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की ओर से हुए मेगा कॉन्क्लेव ‘महाकुंभ: माहात्म्य पर महामंथन’ में श्री निर्मल पंचायती अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री और लक्ष्मण सिंह शास्त्री ने महाकुंभ को लेकर बातचीत की.

प्रयागराज की धरती पर पापों का नाश होता है- महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री

महाकुंभ को लेकर श्री निर्मल पंचायती अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कहा कि यह प्रयागराज की धरती है. यहां पर सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर ने 6 महीना 9 दिन इस नगरी में तप किया. इस दौरान उन्होंने अपने राजशाही कपड़े भी दान में दे दिए थे. इसलिए इस महाकुंभ में आकर दान करने का भी बहुत महत्व है. इस दौरान महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कहा प्रयागराज में जो भी आता है वह पुण्य कमाने और पापों का नाश करने आता है. इसलिए कुंभ में आए तो गंदगी ना फैलाएं. महाकुंभ में आस्था के साथ आएं, पिकनिक मनाने न आएं.

उन्होंने कहा कि श्रद्धा में थोड़ा कष्ट भी होता है कष्ट से ही पुण्य मिलता है. आस्था के सवाल पर दो टूक शब्दों में उन्होंने कहा कि ज्यादा सुविधा लेनी है तो होटल में जाएं. गंगा की रेती में रहकर के तप करना यही कुंभ का महत्व है. सरकार द्वारा दी जा रही व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने कहा कि पहले हम खुद से टेंट लगाते थे अब तो सरकार बहुत कुछ दे रही है. सारी व्यवस्था सरकार ही कर रही है.

Mahant Devendra Singh Shastri

महंत देवेंद्र शास्त्री ने कहा कि कल हमारे अखाड़े का महाकुंभ में प्रवेश होगा. हमारा अखाड़ा स्थाई अखाड़ा है. हमारे अखाड़े का मुख्यालय हरिद्वार में है. कल हमारा अखाड़ा पत्थरचट्टा से शोभायात्रा निकालकर चौक होते हुए महाकुंभ परिसर में अपने अखाड़े में प्रवेश करेगी. उन्होंने कहा कि हम दोबारा यह महाकुंभ नहीं देख पाएंगे क्योंकि यह 144 साल बाद आएगा इसलिए हमारे लिए यह कुंभ काफी महत्वपूर्ण है.

कुंभ सनातन धर्म का बहुत बड़ा यज्ञ है- लक्ष्मण सिंह शास्त्री

मेगा कॉन्क्लेव के दौरान महंत लक्ष्मण सिंह शास्त्री ने कहा कि हज़ारों अश्वमेध यज्ञ का जो फल है कार्तिक स्नान वैशाख स्नान का जो फल है एक कुंभ स्नान से प्राप्त होता है यह ऐसी धरती है महाकुंभ प्रयागराज की जहां गुरु तेग बहादुर जी पंजाब से चलकर यहां त्रिवेणी पर आए और यही उन्होंने जो दान पुण्य किया तब गुरु गोविंद सिंह जी का माता के गर्भ में आविर्भाव हुआ. इसलिए यह कुंभ सनातन धर्म का बहुत बड़ा यज्ञ है. इसलिए केवल भारत से ही नहीं विदेश से भी यहां लोग आ रहे हैं और अपना जीवन सफल बना रहे है.

Laxman Singh Shastri

इस दौरान महंत लक्ष्मण सिंह शास्त्री ने कहा कि मैं सन 1974 से कुंभ देख रहा हूं. पहले ऐसी व्यवस्था कुंभ मेलों में नहीं होती थी जो आज हमारी सरकार कर रही है. शौचालय की पहले साधारण व्यवस्था होती थी. लेकिन आज सरकार ने काफी अच्छी व्यवस्था की है. वीआईपी टॉयलेट और टैंक की व्यवस्था की गई है.

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-भारत एक्सप्रेस



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