26 साल पुराने चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में रांची सीबीआई की विशेष कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. 21 जुलाई को इस केस से जुड़े सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में 35 लोगों को बरी कर दिया गया. इसमें एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत, हरीश खन्ना, कैलाश मनी कश्यप बरी, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, अनीता कुमारी, एकराम, मो हुसैन, सनाउल हक, सैरु निशा, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, रामावतार सिन्हा, रीमा बड़ाईक और मधु पाठक का नाम शामिल है. वहीं दूसरी और इस मामले में कोर्ट ने 90 आरोपियों को दोषी करार दिया है.
डोरंडा कोषागार से हुई थी 36.26 करोड़ की अवैध निकासी
डोरंडा कोषागार से 36.26 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़े मामले में तत्कालीन आपूर्तिकर्ता एवं पूर्व विधायक गुलशन लाल अजमानी समेत 125 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे. यह घोटाला साल 1990 से 1995 के बीच हुआ था. चारा घोटाला मामले में 45 लोक सेवक व 9 महिला आरोपी भी शामिल हैं.
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ट्रायल के दौरान 62 आरोपियों का निधन हो चुका है. इस केस में 38 लोक सेवक समेत 124 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे जिनमें 16 महिलाएं भी शामिल हैं. कोर्ट ने सीबीआई द्वारा प्रस्तुत किये गये गवाहों और साक्ष्य के आधार पर 90 आरोपियों को दोषी करार दिया है जिनकी सजा पर सुनवाई होगी. कोर्ट ने 35 आरोपियों को बरी कर दिया है.