CDS जनरल अनिल चौहान
BrahMos: पुराणों के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने राक्षसों को मारने के लिए एक शक्तिशाली हथियार का निर्माण किया था. नाम था ब्रह्मास्त्र. यह अस्त्र केवल देवताओं के पास हुआ करता था. लेकिन बाद में इसे मनुष्यों को भी दिया गया. अब ये हथियार किस-किस के पास है इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि, भारत में इसी तर्ज पर एक हथियार बनाया गया है जिसका नाम है ब्रह्मोस. चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर विवाद के बीच बुधवार को सेना प्रमुख ने बताया कि आज के दौर में ब्रह्मोस ही ब्रह्मास्त्र है. यह बेहद खतरनाक है. इसकी मारक क्षमता दूर तलक है. भारत में बैठे-बैठे चीन और पाकिस्तान को भी निशाना बनाया जा सकता है.
बढ़ाई गई ब्रह्मोस की क्षमता: वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी
भारत-रूस रजत जयंती समारोह में वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने कहा, “शुरुआत में ब्रह्मोस की मारक क्षमता केवल 290 किलोमीटर थी. हालांकि, बाद में इसे बढ़ाकर 450 किलोमीटर तक किया गया. इससे हमारी सैन्य ताकत बढ़ी है. इसे सुखोई 30 एमकेआई में फिट किया गया है. यह हवा से हवा में, हवा से जमीन पर और हवा से पानी में वार करने में सक्षम है.”
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चीन के साथ पूर्वी क्षेत्र में तनाव बढ़ रहे हैं ऐसे में इसे हवा से जमीन पर एटेक किया जा सकता है. सेना प्रमुख ने बताया कि आने वाले सालों में ब्रह्मोस को और भी छोटे विमानों में फिट किया जा सकता है. इस मिसाइल को फिलहाल मिग-29 में फिट करने की कवायद जारी है. सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि आने वाले सालों में हम इसका रेंज भी बढ़ाकर 800 किलोमिटर तक करने में सक्षम होंगे.
-भारत एक्सप्रेस