सांकेतिक तस्वीर
छत्तीसगढ़ में इस महीने की शुरुआत में 2 भाजपा नेताओं की हत्या के बाद राज्य सरकार ने 43 भाजपा नेताओं को सुरक्षा प्रदान कर दी है. भाजपा नेता कैलाश नाग की बीते 6 मार्च और तिरुपति कटला की हत्या बीते 1 मार्च को कर दी गई थी.
दोनों हत्याएं दक्षिण छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बस्तर क्षेत्र में आने वाले बीजापुर में हुई थीं. मीडिया में आई खबरों के अनुसार, राज्य में पिछले साल से अब तक लगभग 9 भाजपा नेताओं की हत्या हो चुकी हैं.
जानकारी के मुताबिक, इन हत्याओं के बाद जिन 43 भाजपा नेताओं को सुरक्षा दी गई, वे पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए दूरदराज के गांवों का दौरा करने वाले हैं.
पिछले साल हुई थी 7 नेताओं की हत्या
बस्तर क्षेत्र में सात जिले – बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, कोंडागांव और कांकेर – आते हैं. इसके अलावा इस क्षेत्र में 2 लोकसभा सीटें – कांकेर और बस्तर – आती हैं.
पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान जब भाजपा राज्य में विपक्ष में थी, तब बस्तर क्षेत्र और पड़ोसी मोहला मानपुर जिले में माओवादियों ने 7 भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी. पिछले साल कुछ नेताओं का अपहरण भी किया गया था और उन्हें पार्टी छोड़ने की धमकी दी गई थी, उनमें से कुछ ने मारे जाने के डर से ऐसा किया और शिकायत के लिए स्थानीय पुलिस के पास नहीं जाने का फैसला किया.
X, Y, और Y+ सुरक्षा
पिछले साल भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ऐसे नेताओं को सुरक्षा प्रदान की थी, हालांकि इस बार राज्य की भाजपा सरकार ने ये कदम उठाया है. सुरक्षा को खतरे की धारणा के आधार पर X, Y, और Y+ के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
जिन नेताओं को सुरक्षा दी गई है, वे सुकमा, बीजापुर, कांकेर, बस्तर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर से हैं और उनमें से अधिकांश कोषाध्यक्ष, जिला प्रमुख, उप-प्रमुख, किसान विंग के प्रमुख और भाजपा कार्यक्रमों के आयोजन में अन्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
-भारत एक्सप्रेस