सांकेतिक फोटो
भारत ने दूरसंचार कंपनियों के उपकरण बनाने वाली कंपनी चीन की कंपनियों हुआवेई और जेडटीई को बैन कर दिया है. दूरसंचार विभाग से जुड़े अफसरों का कहना है कि विश्वसनीय स्त्रोत प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर अभी तक सरकार की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है. प्रमाण पत्र जारी करने के लिए फिलहाल सरकार की अभी कोई मंशा नहीं है. अधिकारियों ने इशारा किया कि चीनी कंपनियों को ब्लॉक करने के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुख्य कारण हैं.
शीन की पृष्ठभूमि से जुड़े एक चीनी फैशन प्रमुख ने भारत में अपने कारोबार को बंद करने के तीन साल बाद वापसी की थी, माना जा रहा था कि दूरसंचार क्षेत्र में चीनी विक्रेताओं को अपने उत्पाद बेचने की अनुमति भारत सरकार देगी. लेकिन सरकार ने चीनी फर्मों पर राष्ट्रीय सुरक्षा के कारणों के चलते प्रतिबंध लगा दिया है.
बीते दिनों में चीनी विक्रेताओं के अलावा दूरसंचार उद्यम को लेकर भी रिपोर्ट किया गया था. जिसमें अनुमोदन की स्थिति को लेकर कोई भी पुष्टि नहीं हुई. वहीं कंपनी ने इन बैन किए जाने की खबरों को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है. इसके अलावा दूरसंचार विभाग की तरफ से वोडाफोन-आईडिया को भेजे गए सवालों के जवाब भी अभी तक कंपनी की तरफ से नहीं दिए गए हैं. इसको लेकर जब डीओटी के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि अब तक किसी भी मुख्य प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने प्रतिबंधित फर्मों से कोई भी उपकरण नहीं खरीदे हैं.
अधिकारियों ने हुआवेई और जेडटीई जैसी कंपनियों से राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सरकार को इन्हें बाहर रखने के लिए कहा था. अफसरों ने ये भी कहा था कि इसके बाद दो दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने कुछ समय पहले ही सरकार से इस पर दोबारा विचार करने की अपील की थी. साथ ही कुछ उपकरणों को बैन की गई कंपनियों से खरीदे जाने की अनुमति देने को कहा था. कंपनियों ने कहा था कि चीनी गियर के मुकाबले यहां पर लागत ज्यादा आती है. जब भारत में 5जी और 4जी दोनों के लिए नेटवर्क का तेजी के साथ विस्तार किया जा रहा है.
बता दें कि 15 जून 2021 से दूरसंचार की सेवा देने वाली कंपनियों को केवल उन्हीं नए उपकरणों को अपने नेटवर्क से जोड़ना अनिवार्य कर दिया था, जिन्हें विश्वसनीय स्त्रोतों से विश्वसनीय उत्पाद के तौर पर नॉमिनेट किया है. इसके अलावा राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्यवक ये निर्धारित कर सकते हैं कि क्या विक्रेता या उत्पाद को ये टैग दिए जा सकते हैं और इस तरह के समावेशन के लिए कार्यप्रणाली भी दी जा सकती है.
-भारत एक्सप्रेस
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