CJI Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मुझे लगता है कि जांच एजेंसियां एक ही समय में बहुत सारे काम कर रही हैं. ऐसे में वो उलझी हुई हैं. एजेंसियों को अपनी लड़ाई स्वयं चुनने का अधिकार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए जो राष्ट्र सुरक्षा और सार्वजनिक हितों के खतरा बने हुए हैं.
सीजेआई ने राजधानी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जांच एजेंसियों को तलाशी और जब्ती की प्रकिया के दौरान संबंधित शख्स की निजता के अधिकार का भी ध्यान रखना चाहिए. बार-बार पड़ने वाले छापों से उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है. अगर वे ऐसा करने में सफल होती है तो निष्पक्ष समाज की आधारशिला बनाई जा सकती है. उन्होंने सीबीआई को सलाह दी कि मामलों को निपटाने के लिए एजेंसी को बहुआयामी रणनीति पर जोर देना चाहिए.
चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि कानूनी प्रकियाओं में देरी आज न्याय मिलने में सबसे बड़ी बाधा बन गई है. कानूनी मामलों में देरी से निजात पाने के लिए जांच प्रकिया का डिजीटलीकरण जरूरी है. उन्होनंे कहा कि इसकी शुरुआत एफआईआर से होनी चाहिए. मामलों की अधिक संख्या को देखते हुए तकनीक का सहारा लेना चाहिए. ताकि देरी न हो. आज जांच एजेंसियों को बड़ी चुनौतियों से जुझना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि दरअसल जजों की शिकायत रहती है कि उनमें जो बेस्ट होता है उसे सीबीआई कोर्ट्स में नियुक्त किया जाता है. क्योंकि वे संवेदनशील होते हैं. धीमी गति से सुनवाई के चलते मामलों के निपटान में भी देरी होती है. सिस्टम में परिवर्तन के लिए आमूल-चूल बदलाव करने के लिए नए उपकरणों की जरूरत है.
ये भी पढ़ेंः ‘अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जाएगा…’ चीन की हिमाकत पर जयशंकर की दो टूक
ये भी पढ़ेंः Arvind Kejriwal: क्या तिहाड़ से सरकार चला पाएंगे अरविंद केजरीवाल? जानें, क्या कहता है जेल मैन्युअल
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई से राजेन्द्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी…
मायोंग के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग काले जादू में पारंगत…
दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के दो आरोपी…
समाज में उल्लेखनीय योगदान करने वाली 11 विशिष्ट विभूतियों को काशीराज डॉ विभूति नारायण सिंह…
दिल्ली हाईकोर्ट ने विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) के पार्षदों को…
झारखंड के साहिबगंज में 1,250 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के अवैध पत्थर उत्खनन से…