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“न्यायाधीशों को बिना किसी बाहरी दबाव के काम करना चाहिए”, CJI बोले- जिला कोर्ट हमारी कानूनी प्रणाली की रीढ़ हैं

सीजेआई ने आगे कहा कि “यहां तक कि अगर मैं बेंच पर सिर्फ एक शब्द भी कहता हूं, तो ऐसा लगता है कि यह तेज गति से चलने वाली गोली से भी ज्यादा तेजी से रिपोर्ट की जाती है.

CJI DY ChandraChud

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

भारत में न्‍याय व्‍यवस्‍था को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. न्याय तक पहुंच बढ़ाने और आम लोगों के साथ सीधे संवाद को बढ़ावा देने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रामीण भारत की एक अभूतपूर्व यात्रा शुरू की है. इस ऐतिहासिक पहल के तहत न्यायपालिका के न्यायाधीश गुजरात के कच्छ में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल हुए.

बिना किसी बाहरी दबाव के काम करें न्यायाधीश- CJI

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आलोचनाओं और टिप्पणियों का सामना करने वाले जजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन न्यायाधीशों को बिना किसी बाहरी दबाव या फिर जनता की राय से प्रभावित हुए बिना न्याय देना चाहिए.

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सीजेआई ने आगे कहा कि “यहां तक कि अगर मैं बेंच पर सिर्फ एक शब्द भी कहता हूं, तो ऐसा लगता है कि यह तेज गति से चलने वाली गोली से भी ज्यादा तेजी से रिपोर्ट की जाती है, लेकिन, क्या न्यायाधीश के रूप में हमें इससे प्रभावित होना चाहिए? न्यायाधीश की भूमिका बाहरी दबावों या जनता की राय से प्रभावित हुए बिना निष्पक्ष रूप से न्याय देना है.”

जिला न्यायपालिका हमारी कानूनी प्रणाली की रीढ़ हैं- CJI

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ी अक्षमता और अस्पष्टता को खत्म करने के लिए आज के प्रौद्योगिकी सबसे बेहतरीन उपकरण है. सीजेआई ने कहा कि प्रणालीगत सुधारों, प्रक्रियात्मक सुधारों और तकनीकी समाधानों के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि जिला न्यायपालिका हमारी कानूनी प्रणाली की रीढ़ है और हमारे समाज के कानूनी ढांचे के भीतर एक अपरिहार्य भूमिका निभाती है.”

-भारत एक्सप्रेस

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