भाजपा की फायरब्रांड हिंदुत्व नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का उनके सरकारी आवास पर स्वागत किया. भारती ने शिवराज को फूल चढ़ाकर और माथे पर तिलक लगाकर उनका स्वागत किया. चौहान, जो उन्हें ‘दीदी’ के रूप में संबोधित करते हैं, ने भारती का आशीर्वाद लेने के लिए उनके पैर छुए. इस मुलाकात को देख माना जा रहा है कि भाजपा के इन दो वरिष्ठ नेताओं के बीच अब सब ठीक है और वे इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्षी कांग्रेस का मुकाबला करेंगे.
2. नई आबकारी नीति के बाद पहली बार शिवराज जी के मेरे घर आगमन पर उनका स्वागत सत्कार किया एवं आबकारी नीति में मध्य प्रदेश पूरे देश में मॉडल स्टेट बन गया है, इसके लिए नारी शक्ति की तरफ से उनका अभिनंदन किया। @ChouhanShivraj @OfficeofSSC pic.twitter.com/3c7NwqPB8M
— Uma Bharti (मोदी का परिवार) (@umasribharti) February 27, 2023
भारती ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, नई आबकारी नीति के बाद मैंने पहली बार शिवराज जी का घर में स्वागत किया और मध्यप्रदेश को पूरे देश में आबकारी नीति में आदर्श राज्य बनाने के लिए नारी शक्ति की ओर से बधाई दी. चौहान द्वारा मध्य प्रदेश में शराब की दुकानों और शॉप बार से जुड़े ‘अहातों’ या सराय को बंद करने की घोषणा के बाद यह कदम उठाया गया. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि शिक्षण संस्थानों, धार्मिक स्थलों आदि के पास स्थित शराब की दुकानों को दूर स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा.
भारती ने घोषणा को ऐतिहासिक दिया करार
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा पिछले रविवार को नई शराब नीति पेश करने के कैबिनेट के फैसले के बारे में प्रेस को जानकारी देने के घंटों बाद, भारती ने घोषणा को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी करार देते हुए अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. गौरतलब है कि भारती अपनी ही पार्टी की सरकार की शराब नीति को लेकर आलोचना कर रही थीं. मुख्यमंत्री ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह घोषणा की है, जिससे यह धारणा बनी है कि नई नीति भारती के पहले की शराब नीति के खिलाफ निरंतर अभियान के बाद आई है.
अनुभवी भाजपा नेता, जिन्होंने 2018 में कैबिनेट फेरबदल से पहले स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए नरेंद्र मोदी सरकार से पद छोड़ दिया था, स्वच्छ गंगा के अभियान पर महीनों बिताने के बाद पिछले साल मध्य प्रदेश लौटे थे. कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भारती राज्य की राजनीति में अपना स्थान फिर से हासिल करने का प्रयास कर रही हैं.