सीएम योगी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अर्पित की श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 123 वी जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हॉस्पिटल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. माल्यार्पण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन भारत और भारतीयता के लिए समर्पित था. भारत की एकात्मता और अखंडता के लिए उनके द्वारा किए गए बलिदान को यह देश सदैव स्मरण करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी भारत के उद्योग और खाद्य नीति के मार्गदर्शक थे, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों को ही पूरे विश्व में आगे बढ़ा रहे हैं.
देश और समाज के उत्थान के लिए पद को भी ठुकरा देते थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित सिविल हॉस्पिटल पहुंचे, जहां पर उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत की पहली सरकार ने तुष्टिकरण की नीति पर चलना शुरू किया, तो डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने कैबिनेट से इस्तीफा देकर भारतीय जनसंघ की स्थापना की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार से मतभेद उस समय भी देखने को मिला था, जब तत्कालीन नेहरू सरकार ने भारत के संविधान में जबरन अनुच्छेद 370 जोड़कर देश की संप्रभुता और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया था. उसका श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जमकर विरोध किया था. उस समय उन्होंने नारा दिया था एक देश के दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे.
देश में दो प्रधान दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे
सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी महान देशभक्त, प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और प्रख्यात शिक्षाविद थे. आजादी के आंदोलन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मात्र 35 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में शिक्षा क्षेत्र अनेक उल्लेखनीय कार्य किए. उन्होंने नारा दिया था एक देश के दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सोच को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बढ़ा रहे हैं आगे
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के प्रति डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सोच को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है. 1952-1953 से चली आ रही त्रासदी अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2019 को समाप्त किया, और जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया. जिसके बाद आज जम्मू और कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है.
-भारत एक्सप्रेस