कांग्रेस सांसद शशि थरूर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाया. कोर्ट ने थरूर की ओर से दायर याचिका पर शिकायतकर्ता और बीजेपी नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है. शशि थरूर ने दिल्ली हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के लिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
पिछले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने की थी मांग खारिज
पिछले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था और उन्हें ट्रायल कोर्ट जाने के लिए कहा था. हाई कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया प्रधानमंत्री के खिलाफ शिवलिंग पर बिच्छू जैसे आरोप घृणित एवं निंदनीय है. कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि कार्यवाही निरस्त करने का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है. कोर्ट ने शशि थरूर की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत उन्हें तलब करने के लिए पर्याप्त सामग्री मौजूद है.
असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़
यह केस पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित तौर पर बिच्छू बोलने पर शशि थरूर के खिलाफ दायर किया गया था. यह याचिका बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने दायर किया था. 28 अक्टूबर 2018 को बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिवलिंग पर बैठा बिच्छू कहा था. राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है. याचिका में आ शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है.
-भारत एक्सप्रेस