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Congress Foundation Day: आरएसएस के गढ़ से लोकसभा चुनाव का शंखनाद करेगी कांग्रेस, मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताई इसके पीछे की वजह

Congress Foundation Day: कांग्रेस पार्टी आज (28 दिसंबर) अपना 139वां स्थापना दिवस मना रही है. स्थापना दिवस के मौके पर नागपुर में कार्यक्रम किया जा रहा है.

Mallikarjun Kharge

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

Congress Foundation Day: कांग्रेस पार्टी आज (28 दिसंबर) अपना 139वां स्थापना दिवस मना रही है. स्थापना दिवस के मौके पर नागपुर में कार्यक्रम किया जा रहा है. जहां पर एक बड़ी रैली होने जा रही है. इस रैली के जरिए लोकसभा चुनाव 2024 का कांग्रेस शंखनाद करेगी. नागपुर में आयोजित की जा रही इस रैली को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि पार्टी अपनी विचारधारा का संदेश यहीं से देना चाहती है.

कांग्रेस की लड़ाई BJP-RSS की विचारधारा से है- खड़गे

कांग्रेस इस कार्यक्रम के जरिए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का बिगुल फूकंने की तैयारी में है. रैली को हम हैं तैयार नाम दिया गया है. जिसके जरिए पार्टी से लोगों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने की तैयारी है. कांग्रेस हमेशा से ये कहती रही है कि वह अपनी विचारधारा पर चलने वाली पार्टी है और बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा से उसकी लड़ाई है.

“कांग्रेस पार्टी अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं करेगी”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “कांग्रेस पार्टी अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं करेगी. उसी पर पार्टी आगे बढ़ती रहेगी. इसके लिए नागपुर से संदेश दिया जाएगा.” जब कांग्रेस अध्यक्ष से 2024 चुनाव और रैली के कनेक्शन के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि “हर चीज में चुनाव नहीं होता है, ये तो एक उत्सव है. हालांकि इस रैली के जरिए हम अपने लोगों को संदेश देंगे कि 2024 को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाकर उसपर काम करने की जरूरत है.”

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“कांग्रेस बदलाव का संदेश देने वाली है”

दूसरी ओर महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नाना पटोले ने महारैली को देश के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक पल बताया है. उन्होंने कहा कि नागपुर से बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस बदलाव का संदेश देने वाली है, वहीं नागपुर से कांग्रेस विधायक निति राउत ने कहा कि कांग्रेस अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए यहां से शंखनाद करने वाली है. उन्होंने कहा कि यहां पर सिर्फ आरएसएस का मुख्यालय नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक दीक्षा भूमि है. जहां बाबा साहब अंडेबकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था.

-भारत एक्सप्रेस

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