देश

Prayagraj: माघ मेले में ‘धर्मांतरण’ का खुलासा, मदरसे के शिक्षक समेत तीन लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Magh Mela 2023: हिंदू धर्म में माघ मेले की काफी ज्यादा मान्यता है. इस बात का पता इस बात से चलता है कि देश-दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने आते हैं. लेकिन इस पवित्र स्थान पर धर्म परिवर्तन का खेल खेला जा रहा है. दरअसल, माघ मेले में धर्म परिवर्तन की कोशिश के आरोप में तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये लोग सालाना माघ मेले में कथित पर तौर धर्म परिवर्तन रैकेट का हिस्सा थे.

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि इन तीन लोगों में से दो लोगों ने कुछ समय पहले इस्लाम कबूल किया था. ये दोनों माघ मेले में धर्म परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के मकसद से ‘संदिग्ध’ किताबें बेचा करते और पर्चे बांटा करते थे. जिसके बाद प्रयागराज पुलिस (Police) ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया.

कई धार्मिक स्थलों पर बांटी आपत्तिजनक किताबें

एडीसीपी (ADCP) सतीश चंद्र ने बताया कि आरोपियों ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, अस्सी घाट और प्रयागराज के हनुमान मंदिर सहित अन्य हिंदू धार्मिक स्थलों पर भी आपत्तिजनक किताबें बांटी हैं. मुख्य आरोपी महमूद हसन गाजी 5 हजार रुपए के लिए युवाओं को काम पर रखता था. गिरफ्तारी के बाद, आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे उन लोगों की तस्वीरें, मोबाइल नंबर और दूसरी जानकारी लेते थे, जिन्हें उन्होंने वितरण के लिए किताबें दी थीं.

बता दें इसको लेकर एक बीजेपी नेता ने एक ट्वीट कर कहा था कि माघ मेले में आपत्तिजनक साहित्य बांटे जा रहे हैं. जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और इन तीन लोगों को गिरफ्तार किया. एडीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में महमूद हसन गाजी, मोहम्मद मोनीश उर्फ आशीष कुमार गुप्ता और समीर उर्फ नरेश कुमार सरोज शामिल हैं.

‘विदेशों से हो रही फंडिग’

पुलिस का दावा है कि पूछताछ के दौरान गाजी ने कबूल किया कि उसे धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी फंडिंग मिलती थी. पुलिस ने कहा, उसे ई-वॉलेट का इस्तेमाल कर विदेशी फंडिंग मिली थी. पुलिस ने दावा किया कि उनके कब्जे से 204 संदिग्ध इस्लामी किताबें, 3 मोबाइल, 4 आधार कार्ड, 2600 रुपए नकद और एक डायरी बरामद की गई है.

ये भी पढ़ें-   Bihar: ‘चुनाव आते ही सेना पर हमले करवाती है BJP, लगता है अबकी किसी देश पर अटैक करवाएगी- बिहार के मंत्री सुरेंद्र यादव का विवादित बयान

‘इस्लाम को बढ़ा-चढ़ाकर किया जाता था पेश’

एडीसीपी ने आगे बताया कि, “महमूद हसन किताबें और पर्चे छापते थे, जिनमें इस्लाम को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता था, जबकि हिंदू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की जाती थीं. महमूद द्वारा संकलित और मुद्रित कुछ पुस्तकों ने वैदिक भजनों और ‘श्लोक’ की गलत व्याख्या और अर्थ प्रस्तुत किया.” गरीब आर्थिक पृष्ठभूमि के युवाओं को हिंदू धार्मिक स्थलों पर किताबें और पर्चे बांटने का लालच दिया गया. एडीसीपी ने कहा कि कमजोर वर्ग के लोग इनका निशाना थे.

– भारत एक्सप्रेस

 

Rahul Singh

Recent Posts

Arvind Kerjiwal ने क्यों कहा, ‘Amit Shah के प्रधानमंत्री बनने की राह पर Yogi Adityanath हैं आखिरी कांटा’?

अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है…

23 mins ago

“मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं…आपको अपना मान कर रखना है…” रायबरेली में सोनिया गांधी ने की भावुक अपील-Video

Rae Bareli: सोनिया गांधी ने कहा कि रायबरेली के मेरे परिवारजनों, मुझे खुशी है कि…

45 mins ago

एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान दिखी ऐसी चीज, जिसे देख लड़की को लगा तगड़ा झटका, PHOTO देख लोगों के उड़े होश

ताइवान में एक लड़की को तब बड़ा झटका लगा जब वह एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच…

47 mins ago

25 दिन बाद घर लौटे ‘तारक मेहता’ के रोशन सिंह सोढ़ी, एक्टर ने बताई गायब होने की बड़ी वजह

लोकप्रिय टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में रोशन सिंह सोढ़ी की भूमिका निभाने…

54 mins ago

Bihar में जीजा-साली की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद बवाल, थाने में लगाई आग! जानिए क्या है पूरा मामला

बिहार के अररिया जिले का मामला. बीते 16 मई की शाम को जीजा और साली…

1 hour ago