बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत 13 सितंबर तक के लिए बढ़ी.
आप आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट का मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार को आज कोर्ट से भी राहत नही मिली है. तीस हजारी कोर्ट ने विभव कुमार की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशन जज सुनील अनुज त्यागी की कोर्ट ने जमानत याचिका पर यह फैसला दिया है.
28 मई को खत्म हो रही हिरासत की अवधि
विभव कुमार की न्यायिक हिरासत की अवधि 28 मई को खत्म हो रही है. जिसके बाद उन्हें 28 मई को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया जाएगा. वहीं इसी दिन कोर्ट विभव कुमार के वकील द्वारा सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने की मांग पर सुनवाई भी करेगा. बता दें कि विभव कुमार के वकील ने पिछली सुनवाई में दिल्ली पुलिस द्वारा सीएम आवास से लिये गए सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने की मांग किया गया था.
वही मिली जानकारी के अनुसार, अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी विभव कुमार उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेंगे.
स्वाति मालीवाल ने कोर्ट में कही ये बात
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद मालीवाल ने कोर्ट से कहा कि अगर विभव कुमार जेल से बाहर आया तो मुझे और मेरे परिवार को जान का खतरा हो सकता है. स्वाति मालीवाल ने जज से कहा कि जब से मैंने शिकायत दर्ज कराई है, तब से आम आदमी पार्टी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि मैंने झूठी FIR कराई है. ये आरोपी के बचाव में उतरे और उसे लेकर लखनऊ से लेकर कई जगहों पर घूमते रहे. गिरफ्तारी के बाद मुझे धमकियां मिल रही हैं.
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उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी का पूरा तंत्र उनके बचाव में उतर आया. इनके पास एक बहुत बड़ा सिस्टम है, जो कि मेरे चरित्र हनन में लगा हुआ है. लोगों को कहा गया है कि कोई मेरे साथ खड़ा न हो. ये आदमी बहुत पावरफुल है, अगर बाहर आया तो मुझे और मेरे परिवार को खतरा है.
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