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हिमाचल में सरकार पर संकट, बीजेपी का डेलीगेशन पहुंचा राजभवन, जयराम ठाकुर ने कहा- राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है

जयराम ठाकुर का कहना है, ”हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो घटनाक्रम हुआ है, उसके राजनीतिक दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.”

हिमाचल प्रदेश में भाजपा के राज्यसभा सीट पर जीत हासिल करने के साथ ही मौजूदा सरकार के बहुमत पर भी सवाल लग गया. चुनाव बाद जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे की मांग की वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर “अपनी ईमानदारी बेचने” का आरोप लगाया. प्रश्नों का उत्तर देते हुए, उन्होंने विधानसभा में बहुमत के लिए किसी भी चुनौती से निपटने में पार्टी की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया. वहीं अब भाजपा के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बीजेपी का डेलीगेशन राजभवन पहुंच गया है.

राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात पर हिमाचल प्रदेश के एलओपी जयराम ठाकुर का कहना है, ”हाल ही में विधानसभा में जो हुआ उसके बारे में हम राज्यपाल को जानकारी देंगे. हमने वित्तीय विधेयक पर कटौती प्रस्ताव के दौरान मतविभाजन की मांग की थी, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई.” जिस तरह से मार्शल ने सभी विधायकों के साथ व्यवहार किया वह ठीक नहीं था. हम यह सारा मुद्दा राज्यपाल के सामने उठाएंगे.”

जयराम ठाकुर का कहना है, ”हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो घटनाक्रम हुआ है, उसके राजनीतिक दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.”

कांग्रेस ने हिमाचल में नियुक्त किए पर्यवेक्षक 

कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश संकट के लिए भूपिंदर हुड्डा, डीके शिवकुमार को पर्यवेक्षक नियुक्त किया. राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के चुनाव हारने और भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के एकमात्र सीट जीतने के कुछ घंटों बाद, सबसे पुरानी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अब तैनाती कर दी है. हिमाचल प्रदेश में संकट को दूर करने के लिए वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है.

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पार्टी के एक करीबी सूत्र ने बताया कि दोनों नेताओं को हिमाचल प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले छह कांग्रेस विधायकों से बातचीत करने के लिए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने भूपिंदर हुड्डा और डीके शिवकुमार को नियुक्त किया है. सूत्र के मुताबिक, विधायक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली से निराश हैं और उन्होंने उनके प्रतिस्थापन की भी मांग की है. सूत्रों ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुधवार सुबह शिमला पहुंचेंगे क्योंकि राज्य में कांग्रेस सरकार कठिन स्थिति का सामना कर रही है.

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