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Cyber Attack in India: 1 मिनट में हुए 16 लाख साइबर अटैक, रोजाना आ रहे डिजिटल क्राइम के 5,000 से ज्यादा कॉल्स

देश में साइबर क्राइम से जुड़े बड़े घोटाले हुए हैं. जी20 समिट में तो साइबर अटैक की संख्या 10 लाख को भी पार कर गई थी.

Cyber Attack in India: आज के वक्त में लोगों को सड़क पर लूटने से ज्यादा फोन या डिजिटल माध्यम से लूटा जा रहा है. इसके चलते बड़े स्तर पर साइबर अटैक किए जा रहे हैं. हैरानी की बात यह भी है कि इतने बड़े-बड़े अपराध करने का बावजूद लंबे ये डिजिटल अपराधी पकड़े तक नहीं जा रहे हैं. आम आदमी से लेकर सरकारों तक ये साइबर अपराधी अपने चपेटे में ले रहे हैं. केंद्रयी गृह मंत्रालय में साइबर क्राइम से निपटने के लिए स्थापित किए गए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के सीईओ राजेश कुमार ने खुलासा किया और बताया है कि साइबर अपराध के चलते 50000 कॉल हर घंटे मिल रही है. एक लाख लोगों पर 129 शिकायतें दर्ज हो रही है.

साइबर क्राइम को लेकर उन्होंने कहा है कि अगर एक घंटे के भीतर साइबर अपराध से जुड़ी शिकायत मिलती हैं, तो पैसे के नुकसान से बचाव हो सकता है. साल 2023 में सेक्सटॉर्शन फ्रॉड के 19000 केस सामने आए हैं. आई4सी के सीईओ राजेश कुमार ने बताया कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान हर 60 सेकेंड में 16 लाख साइबर अटैक हुए थे.

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केंद्रीय जांच एजेंसियों ने निभाई अहम भूमिका

केंद्रीय एजेंसियों ने अपनी त्वरित कार्रवाई के जरिए साइबर अपराधियों को उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया. अभी तक साइबर क्राइम को लेकर 46,229 डिवाइस भी ब्लॉक किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक पहले सिम कार्ड, वेबसाइट या एप को ही ब्लॉक किया जाता था. इस साल ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ के लिए एक बड़ी उपलब्धि यह रहेगी कि आई4सी के साथ देश के सभी सरकारी और गैर सरकारी बैंक जुड़ जाएंगे. इससे साइबर अपराध से निपटने में बड़ी मदद मिलेगी. केंद्रीय एजेंसियों और बैंकों के बीच समन्वय पुख्ता हो जाएगा. इसके माध्यम से समय रहते साइबर अपराध की घटना को काउंटर किया जा सकेगा.

मेकेनिज्म पर हो रहा है काम

गौरतलब है कि हाल फिलहाल के समय में कुछ ही बैंक ऐसे हैं जो कि आई4सी के साथ जुड़े हैं. क्रिप्टों करेंसी के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम विभिन्न राज्यों में जाकर विभिन्न एजेंसियों को ट्रेनिंग दे रही है. साइबर अपराध के जरिए जो वित्तीय चपत लगती है, उसकी त्वरित भरपाई के लिए एक ठोस मेकेनिज्म पर काम हो रहा है. गुजरात में लोक अदालत और कर्नाटक में कोर्ट द्वारा इस दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है. अभी वित्तीय फ्रॉड के मामले में बैंक से जब नुकसान की भरपाई की मांग की जाती है, या संबंधित पीड़ित की राशि वापस देने की बात होती है, तो बैंक द्वारा अदालत का आदेश मांगा जाता है.

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इस प्रक्रिया में ज्यादा समय लगता है. इससे पीड़ित व्यक्ति की परेशानी बढ़ जाती है. इस समस्या का हल करने की दिशा में आई4सी द्वारा विशेष प्लानिंग की जा रही है. यह प्रक्रिया अंतिम चरण में है. कानूनी सलाह ली जा रही है। उम्मीद है कि कुछ माह के बाद नई व्यवस्था अमल में आ जाएगी. इसके बाद पीड़ित को अपनी राशि के लिए बैंकों के यहां चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.

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विदेश में बैठकर करते हैं क्राइम

राजेश कुमार के मुताबिक, साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम देने में विदेशी लोगों का भी बड़ा हाथ है, चीन व कंबोडिया सहित कई देशों में बैठे साइबर अपराधी, ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं. साइबर अपराध की कुल घटनाओं में 40 से 50 फीसदी मामलों को विदेशों में बैठे गैंग अंजाम दे रहे हैं. इसके लिए संबंधित देशों की सरकारों के साथ बातचीत होती है. साइबर अपराध के चलते जो राशि ब्लॉक की गई है, वह 1127 करोड़ रुपये है. इसमें से लगभग 10 फीसदी रिकवरी हुई है. बतौर राजेश कुमार, रिकवरी का यह प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है. देश में हर व्यक्ति को साइबर अपराध की शिकायत के लिए ‘1930’ हेल्पलाइन नंबर याद रखना चाहिए. इस नंबर के जरिए रोजाना 50000 कॉल दर्ज हो रही है. यानी इतनी बड़ी संख्या में लोग इस हेल्पलाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं.

 

-भारत एक्सप्रेस

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