(प्रतीकात्मक तस्वीर)
कर्नाटक के मांड्या जिले के हनकेरे गांव में रविवार (10 नवंबर) को एक ऐतिहासिक मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर तनाव फैल गया. मीडिया में आईं खबरों के अनुसार, कालभैरवेश्वर स्वामी मंदिर में दलितों के प्रवेश का विरोध कर रहे ग्रामीणों के एक समूह ने उत्सव मूर्ति (मंदिर के प्रमुख त्योहारों के दौरान जुलूस में ले जाई जाने वाली देवता की मूर्ति) को मंदिर परिसर के भीतर एक सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय सरकारी अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद गांव के दलितों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई, जो राज्य बंदोबस्ती विभाग के प्रबंधन के अंतर्गत आता है.
ग्रामीणों का प्रतिरोध
मांड्या शहर से 13 किलोमीटर दूर हनाकेरे में आयोजित इन विचार-विमर्श का उद्देश्य दलितों के बहिष्कार के दीर्घकालिक मुद्दों का समाधान करना तथा मंदिर तक समावेशी पहुंच सुनिश्चित करना था. हालांकि कुछ ग्रामीणों ने मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं का हवाला देते हुए प्रतिरोध व्यक्त किया और दावा किया कि गांव में दलितों के लिए पहले से ही एक अलग मंदिर बनाया गया है.
विरोध का कारण
ग्रामीणों ने अपने विरोध के कारणों के रूप में परंपरा और पूर्व कांग्रेस विधायक एम. श्रीनिवास के नेतृत्व में मंदिर के हाल ही में हुए जीर्णोद्धार में अपने स्वयं के वित्तीय योगदान का हवाला दिया.
दलितों को प्रवेश की अनुमति देने के निर्णय से नाराज कुछ ग्रामीणों ने उत्सव मूर्ति को मंदिर के भीतर एक अलग कक्ष में स्थानांतरित कर दिया, जिसके कारण दोपहर के समय परिसर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया.
थोड़ी देर के लिए बंद करने के बाद मंदिर के दरवाजे फिर से खोल दिए गए और सभी जातियों के भक्तों को प्रवेश की अनुमति देते हुए, निर्धारित समय के अनुसार अनुष्ठान फिर से शुरू हो गए. खबरों के अनुसार, शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
-भारत एक्सप्रेस