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Nyoma airfield: 13 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मनों पर नजर, उतर सकेंगे फाइटर जेट, न्योमा एयरफील्ड का रक्षा मंत्री ने किया शिलान्यास

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज (12 सिंतबर) जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे हैं. जहां उन्होंने सांबा में 2491 करोड़ रुपये की 90 परियोजनाओं शिलान्यास और लोकार्पण किया.

न्योमा एयरफील्ड का रक्षा मंत्री ने किया शिलान्यास

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज (12 सिंतबर) जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे हैं. जहां उन्होंने सांबा में 2491 करोड़ रुपये की 90 परियोजनाओं शिलान्यास और लोकार्पण किया. सांबा में 422.9 मीटर लंबे देवक पुल के अलावा यहीं से 89 अन्य प्रोजेक्ट्स का VC के जरिए शिलान्यास भी किया. जिसमें 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनने वाला न्योमा एयरफील्ड भी शामिल है. न्योमा एयरफील्ड को 218 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.

दुनिया का सबसे ऊंचा एयरफील्ड होगा न्योमा

न्योमा एयरफील्ड के निर्माण होने से फाइटर जेट यहां से उड़ान भर सकेंगे और लैंड भी कर सकेंगे. न्योमा एयरफील्ड की सबसे खास बात है कि ये एयरफील्ड LAC से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. एयरफील्ड का निर्माण BRO करेगी. न्योमा एयरफील्ड दुनिया का सबसे ऊंचा एयरफील्ड होगा. न्योमा एयरफील्ड रणनीतिक दृष्टि से भी काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि इसका निर्माण होने से यहीं से सारे फाइटर ऑपरेशन पूरे हो सकेंगे. लद्दाख में ये तीसरा फाइटर एयरबेस होगा. इससे पहले लेह और थोईस में एयरबेस बने हुए हैं.

रक्षा मंत्री ने किया शिलान्यास

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न्योमा एयरफील्ज की आधारशिला रखी. जिसका अभी तक इस्तेमाल जवानों और अन्य सामानों को पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. यहां से चिनूक हेवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर और सी-130J विमान उड़ान भरते और उतरते रहे हैं.

एयरफील्ड का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद फाइटर जेट भी उतर सकेंगे और उड़ान भर सकेंगे. जिससे लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलने के साथ ही सेना को भी काफी मदद मिलेगी, साथ ही हमारी उत्तरी सीमाओं पर एयरफोर्स की ताकत भी एक लिहाज से बढ़ेगी.

सीमा सुरक्षा के मद्देनजर काफी अहम

न्योमा एयरफील्ड को सीमा की सुरक्षा के नजरिए से काफी मुफीद माना जा रहा है. जहां से लद्दाख की निगहबानी बढ़ाने के लिए लड़ाकू विमानों, नए रडार और हाई टेक्नालॉजी के ड्रोन्स को संचालित करने में मदद मिलेगी. इस एयरबेस को बनाने के पीछे लगातार आक्रामक रवैया अपना रहे चीन के खिलाफ भारत अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के एक हिस्से के रणनीतिक तौर पर भी कर रहा है. 2020 में हुई चीन के साथ झड़प के बाद से ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से LAC पर भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है.

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“सशस्त्र बलों के लिए गेमचेंजर होगा न्योमा एयरफील्ड”

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न्योमा एयरफील्ड का शिलान्यास करने के बाद कहा कि BRO पूर्वी लद्दाख के न्योमा में एयरफील्ड पर भी काम शुरू करने जा रहा है. इसे लद्दाख में अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के लिए स्टेजिंग ग्राउंड के रूप में विकसित किया जाएगा. यह दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्रों में से एक होगा, जो हमारे सशस्त्र बलों के लिए एक गेम चेंजर जैसा होगा.

“BRO  इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में कई स्वर्णिम अध्याय लिखेगा”

रक्षा मंत्री ने BRO (Border Roads Organisation) को लेकर कहा कि आपने जिस तरह से सिविल और मिलिट्री सेक्टर का सामंजस्य बिठाते हुए देश की सुरक्षा के लिए इंफ्रा डेवलप करना शुरू किया है, मुझे लगता है आपका यह कोलैबोरेशन Border इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में कई स्वर्णिम अध्याय लिखेगा. रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि पिछले लगभग 900 दिनों में BRO ने क़रीब तीन सौ इंफ़्रा प्रोजेक्ट्स देश को समर्पित किए हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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