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दिल्ली में 3 हजार रुपये में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा देता था तहसीलदार, जानें किस तरह हुआ भंडाफोड़

दिल्ली में एक तहसीलदार आवेदकों से 3 हजार रुपये लेकर पिछड़ी जातियों तथा शेड्यूल कास्ट के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करवाता था. अब उसके रैकेट का भंडाफोड़ हो गया —

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दिल्ली में फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले गिरोह का पुलिस ने किया भंडाफोड़

illegal Caste Certificates: क्या आपने दिल्ली के एक ऐसे तहसीलदार के बारे में सुना है, जो जनरल कास्ट के लोगों को शेड्यूल कास्ट वाले सर्टिफिकेट इशु करा देता था. दिल्ली छावनी में तैनात एक तहसीलदार ऐसा ही कर रहा था, हालांकि इस साल की शुरूआत में वो पकड़ा गया.

3,000 रुपये देकर आप अनुसूचित जाति (शेड्यूल कास्ट), अनुसूचित जनजाति या पिछड़े वर्ग के सदस्य बन सकते हैं. कम से कम कागज़ पर तो ऐसा ही होगा. और आपको आरक्षित श्रेणियों के लिए निर्धारित नौकरियों या प्रवेश पाने का मौका भी मिल सकता है.

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दिल्ली छावनी में तैनात एक तहसीलदार कुछ समय तक कथित तौर पर यही कर रहा था, लेकिन इस साल की शुरुआत में उसकी किस्मत खराब हो गई. मार्च 2024 में, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सुनील कुमार कालखंडे को गैर-आरक्षित समूहों के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने में कथित रूप से शामिल एक रैकेट के बारे में सूचना मिली.

फर्जी आवेदक ने ऐसे हासिल किया OBC प्रमाण पत्र

उक्त तहसीलदार से 13 मार्च को एक फर्जी आवेदक ने ओबीसी प्रमाण पत्र हासिल करने की कोशिश की. मात्र 3,500 रुपये के भुगतान पर, आवेदक को प्रमाण पत्र मिल गया, जिसे बाद में दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया. एक हफ़्ते बाद, 20 मार्च को एक और फेक ऑपरेशन में एक दूसरे आवेदक को और भी कम राशि – 3,000 रुपये में ऐसा ही प्रमाण पत्र मिला.

4 लोग पकड़े गए, अवैध जाति प्रमाण-पत्र ज़ब्त किए

इस रैकेट में शामिल 4 लोगों को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बताया कि उनके पास से 100 से ज़्यादा अवैध जाति प्रमाण-पत्र ज़ब्त किए गए, जिनमें से कुछ दिल्ली सरकार के पोर्टल पर भी रजिस्टर्ड थे.

रैकेट का भंडाफोड़ करने को विशेष टीम बनाई गई

पुलिस ने बताया कि इस रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई थी. 9 मई को टीम ने संगम विहार से सौरभ गुप्ता नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. उसके फोन की जांच करने पर पुलिस को दो फर्जी आवेदकों के साथ उसकी चैट के साथ-साथ आपत्तिजनक दस्तावेजों के स्नैपशॉट और पीडीएफ फाइलें मिलीं.

पूछताछ करने पर गुप्ता ने बताया कि उसने राजस्व विभाग की दिल्ली छावनी शाखा के माध्यम से अवैध रूप से प्रमाण पत्र जारी करने के लिए चेतन यादव, वारिस अली और नरिंदर पाल सिंह के साथ मिलकर काम किया.

— भारत एक्सप्रेस

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