दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाइकोर्ट सरकारी स्कूलों में छात्रों को पुस्तकों के वितरण में देरी पर दिल्ली सरकार के अधिकारियों से सवाल करते हुए कहा कि शैक्षणिक वर्ष का पहला सत्र लगभग किताबों के बिना ही बीत गया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने अधिकारियों से इस कार्य में देरी का कारण पूछा, जबकि सरकार ही किताबों के प्रकाशन और वितरण पर पैसा खर्च कर रही थी. ऐसा क्यों हो रहा है? जब आप पैसा खर्च कर रहे हैं,किताबें बाँट रहे हैं तो देर से क्यों बाँटेंगे? यह समय पर क्यों नहीं हो पाता? पीठ ने पूछा इस साल क्या गलती हुई कि उन्हें समय पर किताबें वितरित नहीं की गईं. पीठ ने कहा कि खर्च करने का क्या फायदा और फिर भी हम इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. अदालत को बताया गया कि कुछ कक्षाओं के पाठ्यक्रम में बदलाव के कारण देरी हुई. अदालत ने टिप्पणी की कि प्राइवेट स्कूलों में 1 अप्रैल से 10 मई तक पढ़ाई तो चल ही रही होगी. पहला सत्र लगभग समाप्त हो चुका है. आपकी अपनी स्वीकारोक्ति के अनुसार छात्र लगभग किताबों के बिना रह गए हैं.
दिल्ली सरकार की तरफ से बताया
अदालत इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. सुनवाई में दिल्ली सरकार का एक अधिकारी मौजूद था. अदालत को आश्वासन दिया कि नई किताबों के वितरण में देरी के बावजूद कक्षाओं में पढ़ाई चल रही है क्योंकि स्कूलों को पुरानी किताबें आपूर्ति कर दी गई हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को किताबें खरीदने के लिए आगे के वितरण के लिए संबंधित विभाग की योजना शाखा को धनराशि भेज दी गई है.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया
याचिकाकर्ता एनजीओ सोशल ज्यूरिस्ट की ओर से पेश वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि कक्षा 1 से 12 तक के कई छात्र हैं. उन्हें अभी तक किताबें या किताबें और वर्दी खरीदने के लिए धनराशि नहीं मिली है.
दिल्ली सरकार की तरफ से जवाब दिया
अधिकारी ने कहा कि सभी कक्षाओं के लिए वितरण प्रक्रिया चल रही है, कक्षा 6 से 8 तक के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है और इसलिए छपाई का काम चल रहा है. छह नवनिर्मित स्कूल भवनों को कार्यात्मक बनाने के मुद्दे के संबंध में मुकुंदपुर, बख्तावरपुर, लांसर रोड, रानी बाग, रोहिणी और एमएस पंजाब खोरे में 358 वाले कक्षाओं के बारे में दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि दो इमारतों को पहले ही उपयोग में लाया जा चुका है और तीसरी इमारत के लिए स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि दो और इमारतों के लिए सारा काम 1 अगस्त तक पूरा हो जाएगा और आखिरी 1 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा.
स्थायी वकील द्वारा दिए गए बयान को अदालत ने स्वीकार कर लिया. अदालत ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे खाली इमारतों का उपयोग वहां नए स्कूलों का पुनर्निर्माण करके करें. दिल्ली सरकार ने अदालत में दायर एक स्थिति रिपोर्ट में यह भी कहा आश्वासन दिया कि वह स्कूलों में डुअल डेस्क की खरीद और आपूर्ति के लिए आवश्यक व्यवस्था करेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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