दिल्ली हाईकोर्ट
शादी का झूठा वादा करके एक अमेरिकी नागरिक का कथित तौर आर्थिक और यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार अफगान नागरिक को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है. हाई कोर्ट ने गिरफ्तार अफगान नागरिक को वापस भेजने का आदेश दिया है. वह बिना वैध वीजा के यहां रह रहा था.
जस्टिस विकास महाजन ने दोनों पक्षों के बीच समझौते और मुकदमे की समाप्ति में देरी के कारण मामले में एफआईआर को रद्द कर दिया है. जबकि जेल अधिकारियों को आरोपी को निर्वासन के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय को सौपने का निर्देश दिया है. कथित तौर पर 2016 और 2017 के बीच आरोपी और शिकायतकर्ता देश में दोस्त बन गए, जबकि व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी पहचान गलत बताई और विभिन्न अवसरों पर धोखाधड़ी से उससे लगभग 90,000 अमेरिकी डॉलर ले लिए. पुलिस जांच में पता चला कि वह शादीशुदा था और उसने पहले भी ऐसे ही महिलाओं को धोखा दिया था.
जस्टिस महाजन ने कहा कि शिकायतकर्ता एक शिक्षित महिला थी, जिसने स्वेच्छा आए एफआईआर को रद्द करने की सहमति दी है और आरोपी सात साल आए अधिक समय से हिरासत में था. अदालत ने रेखांकित किया कि मुकदमे बाकी परिणति कही भी नजर नही आ रही है. कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत त्वरित सुनवाई के अधिकार एक विदेशी के लिए भी उतना ही लागू है जितना कि एक नागरिक के लिए. शिकायतकर्ता ने रिकॉर्ड पर कहा कि वह मामले को शांत करके अपने जीवन मे आगे बढ़ना चाहती थी.
अदालत ने यह देखते हुए कि वह व्यक्ति एक विदेशी नागरिक था, जिसके पास वैध वीजा नहीं था, अदालत ने जेल अधिकारियों को उसे निर्वासन के लिए एफआईआर, दिल्ली को सौपने का निर्देश दिये. इस मामले में 2017 में दुष्कर्म, धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. एफआईआर के मुताबिक आरोपी जुलाई 2013 में मेडिकल वीजा पर भारत आया था और अपने वीजा का विस्तार मांगे बिना ही अधिक समय से भारत मे ठहरा हुआ था.
-भारत एक्सप्रेस