प्रतीकात्मक तस्वीर
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को चालू वित्त वर्ष के भीतर अपने तीन आगामी अस्पतालों का निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया है. अदालत ने आदेश में अधिकारियों से कहा कि वे तीनों अस्पतालों के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए आवश्यक वित्तीय मंजूरी तुरंत प्रदान करें जो 96 प्रतिशत तैयार हैं. साथ ही अदालत ने अस्पतालों में कर्मचारियों की भर्ती करने का भी निर्देश दिया है.
अदालत ने यह देखते हुए कि परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं करने से पहले से किए गए खर्च की बर्बादी हो सकती है, दिल्ली सरकार से अन्य ‘ब्राउन फील्ड’ और ‘ग्रीन फील्ड’ अस्पताल परियोजनाओं को पूरा करने के अपने प्रस्ताव के बारे में भी पूछा जो 74-87 प्रतिशत पूर्ण होने की सीमा में हैं.
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी एस अरोड़ा की पीठ ने कहा हम जीएनसीटीडी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि गुरु गोविंद सिंह अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और आचार्य श्री भिक्षु सरकारी अस्पताल का निर्माण चालू वित्त वर्ष के भीतर पूरा हो जाए और उक्त अस्पतालों के लिए पदों का सृजन अगले 15 दिनों के भीतर किया जाए.
पीठ ने कहा जीएनसीटीडी का वित्त विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि पदों और निर्माण पूरा करने के संबंध में उपरोक्त निर्देशों को प्रभावी करने के लिए सभी आवश्यक वित्तीय स्वीकृतियां बिना किसी देरी के जारी की जाएं. जीएनसीटीडी यह सुनिश्चित करेगा कि इन स्वीकृत पदों पर नियुक्तियों के लिए कदम उठाए जाएं और इसी वित्त वर्ष के भीतर किए जाएं. इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में गंभीर देखभाल की कथित कमी को लेकर 2017 में शुरू किए गए एक स्वप्रेरणा मामले पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है.
मामले में पहले दायर की गई स्थिति रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में 11 ‘ग्रीन फील्ड’ और 13 ‘ब्राउन फील्ड’ अस्पतालों का निर्माण कर रही है, जिन्हें विभिन्न मॉडलों के तहत चलाया जाएगा जैसे कि सरकारी या निजी अस्पताल या पीपीपी मोड में.
पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा हलफनामे में दावा किया गया है कि परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मौजूदा बजट आवंटन पर्याप्त नहीं है, जबकि स्वास्थ्य मंत्री के वकील ने आश्वासन दिया कि वह धन जुटाने और आवंटित करने के लिए कदम उठाने के लिए तैयार हैं. अदालत ने सरकार को अगली सुनवाई की तारीख से पहले ब्राउन फील्ड अस्पताल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
इसी मामले में, अदालत ने पहले एम्स निदेशक को गंभीर देखभाल में सुधारों के संबंध में प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ एसके सरीन के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया था. अदालत ने अधिकारियों की एम्स निदेशक के साथ अगली बैठक 8 अक्टूबर को आयोजित करने का निर्देश दिया और इसमें एमिकस क्यूरी अधिवक्ता अशोक अग्रवाल को भी भाग लेने की अनुमति दी.
-भारत एक्सप्रेस
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