
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने फेज-4 के अंतर्गत बन रही तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर (जिसे गोल्डन लाइन के नाम से जाना जाता है) पर एक और महत्वपूर्ण निर्माण उपलब्धि हासिल की है. DMRC ने माँ आनंदमयी मार्ग और तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्टेशन के बीच भूमिगत सुरंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है.
TBM ने तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्टेशन पर सुरंग का किया ब्रेकथ्रू
शनिवार सुबह एक 96 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन (TBM) ने तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्टेशन पर सुरंग का ब्रेकथ्रू किया. इस मौके पर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य, परिवहन एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह, डीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. विकास कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
BM ने पूरी की 0.792 किमी की यात्रा
यह सुरंग लगभग 0.792 किलोमीटर लंबी है और इसे औसतन 18 मीटर की गहराई पर बनाया गया है. सुरंग में कुल 566 रिंग्स लगाए गए हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है. इस सुरंग का निर्माण अत्याधुनिक Earth Pressure Balancing Method (EPBM) तकनीक से किया गया है, जिसमें प्रीकास्ट कंक्रीट टनल रिंग्स का उपयोग हुआ. इन रिंग्स को मुण्डका स्थित एक पूर्णतः यंत्रीकृत कास्टिंग यार्ड में तैयार किया गया, जहां स्टीम क्योरिंग सिस्टम से उन्हें शीघ्रता से मजबूत बनाया गया.
निर्माण के दौरान सुरक्षा को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता
निर्माण के दौरान सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई. मौजूदा इमारतों के नीचे सुरंग खोदते समय जमीन की हलचल को नापने के लिए संवेदनशील उपकरणों का इस्तेमाल किया गया, जिससे किसी भी तरह की धंसान की स्थिति न बने. इस कॉरिडोर में अप और डाउन दोनों दिशा में दो समानांतर गोलाकार सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है. दूसरी सुरंग का ब्रेकथ्रू जुलाई 2025 में होने की संभावना है. फेज-4 के अंतर्गत कुल 40.109 किलोमीटर भूमिगत मेट्रो लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर की 19.343 किलोमीटर लंबाई भूमिगत होगी.
क्या है टनल बोरिंग मशीन?
टनल बोरिंग मशीन (TBM) एक विशेष प्रकार की मशीन होती है, जो विभिन्न प्रकार की मिट्टी और चट्टानों के बीच से गोलाकार सुरंगें बनाने के लिए इस्तेमाल होती है. शहरी क्षेत्रों में बिना सतही संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए सुरंग निर्माण में यह तकनीक बेहद उपयोगी साबित होती है. DMRC फेज-1 से ही TBM तकनीक का प्रयोग कर रही है और फेज-3 में लगभग 50 किलोमीटर भूमिगत मेट्रो लाइन के निर्माण में करीब 30 TBMs का उपयोग किया गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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