संसद की सुरक्षा में चूक का मामला.
Parliament Security Breach Case: संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सभी 6 आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया है. यह चार्जशीट 1000 पन्नों की है. 6 आरोपियों, मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आज़ाद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. कोर्ट ने पूरक आरोप पत्र दाखिल करने के लिए स्पेशल सेल को 15 जुलाई तक का समय दिया है. वहीं सभी कथित आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि को कोर्ट ने 15 जुलाई तक बढ़ा दिया है. यह चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल जज हरदीप कौर की कोर्ट में दाखिल की गई.
यूएपीए के तहत दर्ज हुआ है मामला
पिछली सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि कुछ रिपोर्ट आनी बाकी है और डिजिटल डाटा काफी मात्रा में है. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16A के तहत आरोप लगाए है. बता दें कि यूएपीए 1967 में बना था, जिसे 2019 में केंद्र सरकार ने संशोधित किया था. दिल्ली पुलिस ने नवंबर 2022 में दिल्ली हाइकोर्ट में जवाब दाखिल कर बताया था कि उसकी तरफ से उस वक्त तक 98 केस यूएपीए के तहत दर्ज किए गए थे.
क्या कहता है कानून
दरअसल आईपीसी के सात साल से ज्यादा सजा वाले केसों में पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के 90 दिन के भीतर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करनी होती है. अगर पुलिस ऐसा करने में विफल रहती है तो आरोपी जमानत लेने का हकदार हो जाता है. यूएपीए में अदालत से इजाजत लेकर पुलिस 180 दिन तक का समय चार्जशीट दाखिल करने के लिए ले सकती है. इसी तरह आईपीसी के केसों में पुलिस सिर्फ 15 दिन की रिमांड ले सकती है, जबकि यूएपीए के तहत दर्ज होने वाले केसों में पुलिस 30 दिन तक कि कस्टडी हासिल कर सकती है.
एलजी ने दी थी मंजूरी
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने की घटना में कथित संलिप्तता के लिए छह लोगों पर सख्त गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम यानी UAPA के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने उपराज्यपाल से यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया था.
राजनिवास के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत आवश्यक मंजूरी के लिए अनुरोध किया था और इस साल 30 मई को समीक्षा समिति ने जांच एजेंसी द्वारा एकत्र किए गए संपूर्ण साक्ष्यों की पड़ताल की थी और मामले में आरोपियों की संलिप्तता पाई थी. समीक्षा समिति ने कहा था कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के विरुद्ध यूएपीए के तहत मामला बनता है. दिल्ली पुलिस ने लोकसभा के एक सुरक्षा अधिकारी की शिकायत पर संसद मार्ग थाने में मामला दर्ज किया था.
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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि 13 दिसंबर 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरा-तफरी मच गई थी. हंगामे और धुंए के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की.
कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे. इन दोनों युवकों की पहचान लखनऊ के रहने वाले सागर शर्मा और मैसूर के रहने वाले मनोरंजन डी के रूप में हुई. ये दोनों युवक बीजेपी सांसद प्रताप सिन्हा की सिफारिश पर पास लेकर संसद की कार्यवाही देखने के लिए घुसे थे.
-भारत एक्सप्रेस
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