फर्जी शिक्षक गिरफ्तार (फोटो-सोशल मीडिया)
Deoria News: उत्तर प्रदेश में फर्जी अंकपत्र के आधार पर 20 साल से शिक्षक की नौकरी कर रहे शातिर को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने गिरफ्तार कर लिया है. इस फर्जी शिक्षक को यूपी के देवरिया जिले के खुखुंदू थानाक्षेत्र के भलुअनी विकास खंड के वीरपुर मिश्र कम्पोजिट विद्यालय से गिरफ्तार किया गया है.
फर्जी शिक्षक ने 2003 में सरकारी नौकरी प्राप्त की थी और 20 साल से बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ा रहा था. आरोपी फर्जी शिक्षक की पहचान खुखुंदू थानाक्षेत्र के रारवडी गांव के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार के तौर पर की गई है.
STF लगातार कर रही है शिक्षकों की धरपकड़
बता दें कि यूपी एसटीएफ लगातार उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में कार्य कर रहे फर्जी शिक्षकों की धरपकड़ जारी रखे हुए है. हाल ही में किसी ने यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाकर अध्यापक की नौकरी करने वालों के संबंध में यूपी एसटीएफ को सूचना दी थी.
इसी के बाद से एसटीएफ की विभिन्न टीमों और फील्ड इकाईयों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिया था. इसी के बाद से लगातार फर्जी शिक्षक के बारे में छानबीन की जा रही थी.
एसटीएफ के निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में यशवंत सिंह और आशुतोष तिवारी की टीम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया कार्यालय से सम्बन्धित शिक्षकों के बारे में जानकारी के लिए संपर्क कर अभिलेख प्राप्त किया था और फिर इसकी जांच की गई तो धर्मेंद्र कुमार के अंकपत्र फर्जी पाए गए.
इसके बाद कार्रवाई करते हुए एसटीएफ के निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में आरोपी को एसटीएफ की फील्ड यूनिट ने अरेस्ट किया है. उसके पास से 120 रुपए नकद और एक मोबाइल बरामद हुआ है. एसटीएफ लखनऊ के पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में अभिसूचना संकलन के बाद ये कार्रवाई की गई.
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ये मिली थी एसटीएफ को जानकारी
एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि, कम्पोजिट विद्यालय वीरपुर मिश्र विकास खण्ड मलुअनी में धर्मेन्द्र कुमार कूटरचित दस्तावेज/अंकपत्र के आधार पर शिक्षक की नौकरी कर रहा है. इसके बाद एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग से धर्मेंद्र के सभी प्रमाण पत्र प्राप्त किए. फिर जांच के आधार पर सोमवार को एसटीएफ टीम ने कम्पोजिट विद्यालय वीरपुर मिश्र से धर्मेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी की शास्त्री परीक्षा का अंक पत्र व प्रमाण-पत्र कूटरचना कर फर्जी तरीके से बनवाया था. उसने आगे बताया कि, उसने अपने हिसाब से अनुक्रमांक 18,366 अंकित कर दिया था. उसने ये भी बताया है कि, इण्टरमीडिएट (उत्तर-मध्यमा) का अंक पत्र व प्रमाण-पत्र भी इसी तरह कूटरचित करके बनाया था, जिसके आधार पर वर्ष 2003 से शिक्षक की नौकरी कर रहा था. बता दें कि, गिरफ्तार फर्जी शिक्षक के खिलाफ खुखुंदू थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है.
-भारत एक्सप्रेस