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धीरेंद्र शास्त्री ने आतंकियों की पर्ची क्यों नहीं निकाली, पहलगाम हमले पर बोले अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक हम अंदरूनी दुश्मनों को नहीं पहचानेंगे, तब तक देश की सुरक्षा केवल चर्चा का विषय बनी रहेगी.

Kashmir Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले पर अब साधु-संतों की ओर से भी प्रतिक्रिया आने लगी है. शंकराचार्य परिषद से जुड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस हमले को लेकर बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर सवाल उठाए हैं.

उन्होंने कहा, “अगर धीरेंद्र शास्त्री के पास भविष्यवाणी करने और पर्ची निकालकर सब कुछ बताने की शक्ति है, तो उन्होंने आतंकियों की पर्ची क्यों नहीं निकाली?”

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह बयान उस समय दिया जब उनसे पत्रकारों ने पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया मांगी. उन्होंने इस घटना को बेहद दुखद और चिंताजनक बताया और सवाल उठाया कि जब देश में धर्मगुरु और चमत्कार करने वाले लोग मौजूद हैं, तो ऐसे हमलों को पहले से क्यों नहीं रोका जा पा रहा है.

धार्मिक नेताओं के बीच बयानबाज़ी

धीरेंद्र शास्त्री, जिन्हें ‘बागेश्वर धाम सरकार’ के नाम से जाना जाता है, अपने ‘दिव्य दरबार’ और चमत्कारी पर्चियों के लिए प्रसिद्ध हैं. वे दावा करते हैं कि वे लोगों की समस्याएं बिना पूछे जान सकते हैं. ऐसे में शंकराचार्य परिषद से जुड़े एक वरिष्ठ धर्मगुरु का यह सवाल सोशल मीडिया और धार्मिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है.

आतंकी इतने लंबे समय तक खुलेआम कैसे घूमते रहे?

शंकराचार्य परिषद से जुड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, “जब तक हम अपने अंदर छिपे दुश्मनों को नहीं पहचानेंगे, तब तक सुरक्षा को लेकर सिर्फ बातें ही होती रहेंगी.” स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पूछा: “इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई?” “आतंकी इतने लंबे समय तक खुलेआम कैसे घूमते रहे?” “अगर हमले के तुरंत बाद उनके नाम और फोटो मिल सकते हैं, तो ये जानकारी पहले क्यों नहीं मिली?” उन्होंने साफ कहा कि केवल बाहरी खतरे की बात करने से काम नहीं चलेगा, देश को अंदरूनी कमजोरी और लापरवाही से भी उतना ही खतरा है.

“अब सिर्फ निंदा से काम नहीं चलेगा”

स्वामी जी का कहना है कि हर बार हमले के बाद निंदा की जाती है, मुआवज़ा दिया जाता है और फिर सब भुला दिया जाता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय है कि हम सख्त कदम उठाएं, नहीं तो देश की सुरक्षा केवल एक चर्चा बनकर रह जाएगी.

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-भारत एक्सप्रेस 



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