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Delhi Govt का होटल, क्लब, बार और रेस्तरां को आदेश- उम्र की पुष्टि किए बिना न परोसें शराब

हाल ही में नियमित निरीक्षणों के दौरान पाया कि 25 वर्ष से कम उम्र के ग्राहक बार, क्लब और रेस्तरां में शराब पी रहे हैं. इसके बाद दिल्ली सरकार ने यह कदम उठाया है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)

दिल्ली सरकार ने शराब परोसने वाले शहर के होटलों, क्लबों और रेस्तरां के संचालकों को निर्देश दिया है कि वे सरकार द्वारा जारी पहचान प्रमाण पत्रों की हार्ड कॉपी के माध्यम से अपने ग्राहकों की आयु सत्यापित करें. शराब पीने की कानूनी आयु मानदंड के उल्लंघन का पता चलने के बाद यह कदम उठाया गया है. दिल्ली में शराब केवल 25 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को ही दी जाती है.

नाबालिगों को परोस रहे शराब 

दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने हाल के दिनों में अपनी टीमों द्वारा किए गए नियमित निरीक्षणों के दौरान पाया कि 25 वर्ष से कम उम्र के ग्राहक बार, क्लब और रेस्तरां में शराब पी रहे हैं. निरीक्षण में यह भी पता चला कि कुछ ग्राहक 25 साल की उम्र पूरी करने का दिखावा करके शराब पी रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि विभाग को यह भी शिकायत मिली थी कि कुछ आबकारी लाइसेंसधारी नाबालिगों को शराब परोस रहे हैं.

निरीक्षण में क्या पाया गया

निरीक्षण में यह भी पता चला कि कुछ ग्राहक 25 वर्ष की आयु पूरी करने का दिखावा करके शराब पी रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि विभाग को यह भी शिकायतें मिली थीं कि कुछ आबकारी लाइसेंसधारी कम उम्र के लोगों को शराब परोस रहे थे.

दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 के तहत कोई भी व्यक्ति या लाइसेंसधारी विक्रेता या उसका कर्मचारी या एजेंट 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत या अन्य लोगों के उपभोग के लिए शराब नहीं बेचेगा या वितरित नहीं करेगा. आयु प्रतिबंध मानदंडों के उल्लंघन की विभाग द्वारा समीक्षा की गई.

आबकारी विभाग का निर्देश

आबकारी विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है, ‘सभी होटल, क्लब, रेस्तरां (एचसीआर) के लाइसेंस धारकों को अधिक सावधान रहने और 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र के माध्यम से आयु की पुष्टि किए बिना शराब नहीं परोसने का निर्देश दिया जाता है.’

इसके अलावा, विभाग ने एचसीआर लाइसेंसधारियों को सलाह दी है कि वे ग्राहकों की आयु केवल भौतिक पहचान पत्र के माध्यम से सत्यापित करें, न कि लोगों द्वारा अपने मोबाइल फोन पर सहेजे गए आभासी पहचान पत्र (डिजिलॉकर पोर्टल को छोड़कर) के माध्यम से, ताकि नकली या एडिटेड डिजिटल पहचान पत्र के उपयोग को कम किया जा सके.

-भारत एक्सप्रेस



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