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Dr. US Gautam: डॉ. यूएस गौतम ने संभाली भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में उप महानिदेशक की जिम्मेदारी

Dr. US Gautam: डॉ. यूएस गौतम का जन्म वाराणसी जिले में हुआ. उन्होंने ग्रेजुएट और पोस्ट गेजुएट की पढ़ाई वाराणसी से की है. कृषि विस्तार शिक्षा में विशेषज्ञता के साथ कृषि विज्ञान संस्थान बीएचयू, वाराणसी से पूरी की.

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डॉ. यूएस गौतम ने संभाली जिम्मेदारी

Dr. US Gautam: डॉ. यूएस गौतम ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली में आज उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) की जिम्मेदारी संभाली. इससे पहले डॉ. गौतम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में निदेशक थे. इसके अलवा डॉ. यूएस गौतम साल 2018 से 2021 तक कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा में कुलपति के पद पर तैनात थे.

बता दें कि डॉक्टर यूएस गौतम (Dr. US Gautam) के पास कृषि शिक्षण के क्षेत्र में पिछले 33 साल का अनुभव है. जिसमें वो तीन साल बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति और करीब 12 साल भाकृअनुप में बतौर निदेशक काम किया है. इस दौरान डॉ. गौतम को 15 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. जिसमें चार राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार हैं. खास बात ये है कि पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भी डॉ. गौतम के काम की सराहना की है.

डॉ. यूएस गौतम (Dr. US Gautam) का जन्म वाराणसी जिले में हुआ. उन्होंने ग्रेजुएट और पोस्ट गेजुएट की पढ़ाई वाराणसी से की है. कृषि विस्तार शिक्षा में विशेषज्ञता के साथ कृषि विज्ञान संस्थान बीएचयू, वाराणसी से पूरी की. इसके अलावा पीएचडी की उपाधि, भाकृअनुप फेलोशिप के साथ राष्ट्रीय दुग्ध अनुसंधान संस्थान, करनाल से पूरी की.

डॉ. गौतम ने नवम्बर 1989 में हिमांचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कृविके बजौरा, कुल्लू में बतौर सहायक विस्तार विशेषज्ञ (कृषि विस्तार) के रूप में अपने कैरियर शुरूआत की. इसके बाद वो वरिष्ठ वैज्ञानिक, प्रधान वैज्ञानिक, विभागाध्यक्ष, सामाजिक, आर्थिक और प्रसार अनुसंधान कार्यक्रम के रूप में पूर्वी क्षेत्र भाकृअनुप अनुसन्धान परिसर, पटना बिहार में मार्च 1998 से 2006 तक काम किया.

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उसके बाद डॉक्टर यूएस गौतम जोनल प्रोजेक्ट डायरेक्टरेट जोन-7 में जोनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर 2006 में कार्यभार संभाला. इसके बाद फरवरी, 2015 को भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), रावतपुर, कानपुर में बतौर निदेशक जिम्मेदारी संभाली. तीन साल के कार्यकाल की मुख्य उपलब्धि के रूप में यूपी जोन-तृतीय में ही 20 नए अतिरिक्त कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना की गई.

-भारत एक्सप्रेस



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