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Assembly Elections 2023: त्रिपुरा में 16 फरवरी, नागालैंड-मेघालय में 27 फरवरी को मतदान, 2 मार्च को आएंगे नतीजे

Election Commission of India: चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद तीनों राज्यों में सियासी माहौल गरम है. राजनीतिक दलों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. इसके साथ ही चुनावों में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीति को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं.

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मीडिया को जानकारी देते मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार

Assembly Elections 2023: भारतीय निर्वाचन आयोग ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. त्रिपुरा में 16 फरवरी, नागालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को मतदान होगा. 2 मार्च को नतीजे आएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि त्रिपुरा चुनाव के लिए अधिसुचना 21 जनवरी को जारी होगी. नामांकन की अंतिम तिथी 30 जनवरी है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि तीनों राज्यों में महिला मतदाता की संख्या ज्यादा है. तीनों राज्यों में निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि तीनों राज्यों में चुनावी हिंसा की घटनाएं नहीं होती है.

 

मार्च में समाप्त हो रहा है विधानसभा का कार्यकाल

बता दें कि नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा की विधानसभाओं का पांच साल का कार्यकाल क्रमश: 12 मार्च, 15 मार्च और 22 मार्च को समाप्त होने वाला है. इससे पहले तीनों राज्यों में नई विधानसभाओं का गठन किया जाना है.

रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे पॉलिटिकल पार्टी

उधर, चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद तीनों राज्यों में सियासी माहौल गरम है. राजनीतिक दलों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. इसके साथ ही चुनावों में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीति को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं.

2018 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद चौकाने वाले थे. त्रिपुरा में 25 साल से शासन कर रहे लेफ्ट को बेदखल बीजेपी ने कमल खिलाया था. पार्टी ने  बिप्लब देब को सीएम बनाया था, हालांकि 2022 में भाजपा ने देब की जगह माणिक साह को राज्य की कमान सौंपी थी. अब मुख्यमंत्री माणिक साह पर बीजेपी को सत्ता में वापसी कराने की जिम्मेदारी है.

वहीं, मेघालय में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी थी. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. हालांकि, बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई थी.

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नगालैंड में 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF)  में दो टुकड़ों में बंट गई थी. बागियों ने नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) बनाई. पार्टी के बड़े नेता और राज्य के मुख्यमंत्री रहे नेफ्यू रियो बागी गुट के साथ चले गए. चुनाव से पहले NPF ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया. भाजपा और NDPP ने मिलकर चुनाव लड़ा. बीजेपी और NDPP गठबंधन सत्ता में आया और नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री बने.

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