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ED ने 4,037 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में 503 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की

ED ने 4,037 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंधप्रदेश में करीब 503 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को अटैच किया है.

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 4,037 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 503 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति को अटैच किया है. 4,037 करोड़ रुपये का यह मामला ब्याज सहित 11 हजार रुपये रुपये तक पहुच गया है. जांच एजेंसी ईडी द्वारा मेसर्स कॉरपोरेट पवार लिमिटेड नाम की कंपनी और उसके प्रमोटरों मनोज जयसवाल, अभिजीत जायसवाल, अभिषेक जायसवाल और अन्य के खिलाफ यह कार्रवाई की है.

ईडी ने बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंधप्रदेश यह चल-अचल संपत्ति को अटैच किया है. हालही में ईडी ने मेसर्स कॉरपोरेट पवार लिमिटेड नाम की कंपनी और उसके प्रमोटरों मनोज जयसवाल, अभिजीत जायसवाल, अभिषेक जायसवाल और अन्य के 14 परिसरों पर छापे मारे थे.

बता दें कि कॉरपोरेट पावर लिमिटेड को अभिजीत समूह के एक विशेष प्रयोजन वाहन में एक बिजली उद्यम के लिए विशेष रूप से स्थापित किया गया था. ईडी द्वारा की गई यह जांच दिसंबर 2022 में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से उपजी है, जिसमें भारतीय संहिता की धारा 120-बी, 420 और 471 के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) और 13(1)(डी) का हवाला देते हुए मेसर्स कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उसके प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

यह मामला यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर शुरू किया गया था, जिसके कारण नागपुर, मुंबई, रांची, कोलकाता, दुर्गापुर, गाजियाबाद और विशाखापटनम में सीबीआई ने छापेमारी की थी. ईडी ने जांच के दौरान पाया कि अभिजीत समूह ने अवैध धन की परतों, एकीकरण और उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए शेल संस्थाओं का एक जटिल नेटवर्क स्थापित किया था.

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-भारत एक्सप्रेस



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