Chinese App पर ED का शिकंजा
नई दिल्ली- भारत में समय-समय पर चाइनीज प्रोडक्ट को बैन करने की आवाज उठती रहती है. सोशल मीडिया पर भी चाइनीज एप (Chinese App) और वेबसाइटों को प्रतिबंधित करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है. 2 साल पहले केंद्र सरकार ने चीन के पॉपुलर वीडियो एप टिक-टॉक को बैन कर दिया था. भारत से चीन में जा रही आवश्यक और कॉनफिडेंशियल सूचनाओं को रोकने के लिए भारत सरकार सोशल मीडिया पर लगातार नजर बनाई हुई है. इसी के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बेंगलुरु में चीनी लिंक वाली 12 संस्थाओं पर तलाशी अभियान चलाया और लगभग 5.85 करोड़ रुपये जब्त किए.
चाइना के ठगी एप पर ED का छापा
सोमवार की दोपहर को ED ने बेंगलुरु में चाइनीज एप (Chinese App) ‘कीपशेयर’ के जरिए पार्ट टाइम नौकरी दिलाने और उनसे पैसे वसूलने के बहाने मासूम युवकों को ठगने वाली कंपनी पर छापेमारी की. यह कंपनी बेराजगार लोगों को अपने जाल में फंसाकर लाखों की ठगी किया करती थी. ईडी की शुरुआती जांच के मुताबिक कुछ चीनी लोगों ने ‘कीपशेयर’ नाम की ऐप के जरिए रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं को धोखा के साथ नौैकरी के नाम पर धोखाधड़ी किया करते थे. यह एप कंपनी लोगों को पार्ट टाइम काम दिलाने का वायदा करके ऑन लाइन मोड के जरिए पैसे वसूला करती थी. ईडी की इस छापेमारी के दौरान कुल 92 आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि इसमें से 6 चीनी और ताइवान के नागरिक हैं. यह इस गिरोह के मास्टर माइंड थे जो पूरे घोटाले को संचालित और कंट्रोल किया करते थे.
लोगो से फर्जी निवेश कराती थी कंपनी
चीन की ऐप (Chinese App) कंपनी ‘कीपशेयर’ भारत में लोगो को फर्जी निवेश कराकर ठगी के जाल में फंसाती थी. इसके लिए उसने बकायाद बेगलुरु में अपना ऑफिस तैयार किया था. इस ऑफिस में लोगों कि भर्ती कि गई थी जो लोगों से ऑन लाइन संपर्क करके अपनी फर्जी स्किम के बारे में बताया करते थे. ईडी के एक अधिकारी के अनुसार “उन्होंने इस ऐप के जरिए युवाओं को मशहूर हस्तियों के वीडियो पसंद करने और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करने का काम दिया गया था. जब टास्क पूरा हो जाता था, तो वे प्रति वीडियो 20 रुपये का भुगतान करते थे, जिसे कीपशेयर वॉलेट में जमा किया जाना था.”
-आईएएनएस/ भारत एक्सप्रेस