लालू यादव.
बिहार में जमीन के बदले नौकरी मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने लालू यादव परिवार के करीबी अमित कत्याल को गिरफ्तार किया है. अमित कात्याल एक बिजनेसमैन हैं. इसके साथ ही एके इन्फोसिस्टम के प्रमोटर हैं. ये कंपनी भी जमीन के बदले नौकरी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थी. अमित कात्याल और इन्फोसिस्टम CBI और ED की तरफ से की जा रही जांच के दायरे में है.
लालू यादव के करीबी हैं अमित कात्याल
ईडी के मुताबिक, अमित कात्याल आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी होने के साथ ही मामले में लाभ लेने वाली एके इन्फोसिस्टम पूर्व डायरेक्टर भी रह चुके हैं. एके इन्फोसिस्टम साउथ दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक पते पर रजिस्टर्ड है. जिसे लालू प्रसाद यादव का परिवार इसे आवासीय के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था.
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ईडी ने इसी साल मार्च के महीने में एक बयान में कहा था कि “संपत्ति को कागज पर मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है, लेकिन इसका उपयोग विशेष रूप से तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है.”
600 करोड़ के घोटाले का आरोप
बता दें कि सीबीआई ने कथित घोटाला मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी के अलावा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. ईडी के मुताबिक, दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि ये घोटाला करीब 600 करोड़ रुपये का है. जुलाई में सीबीआई ने जमीन के बदले नौकरी मामले में एक आरोप पत्र दायर किया था. जिसमें एके इन्फोसिस्टम को आरोपी बनाया गया था.
14 साल पुराना है मामला
गौरतलब है कि ये कथित घोटाला 14 साल पुराना है. उस समय लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. दावा किया जा रहा है कि लालू यादव ने लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीनें लिखवा ली थी. पहले उन्हें ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया, बाद में जब जमीन लालू यादव को मिली तो उन्हें रेग्यूलर कर दिया गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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