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Hartalika Teej-2023: प्रयागराज में मनाई गई हरतालिका तीज, महिलाओं ने गंगास्नान के बाद की पूजा

Prayagraj: यह व्रत-त्योहार परम्परानुसार प्रदेश भर में धूमधाम से सुहागिनें मना रही हैं. अपने पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता पार्वती और भोले बाबा की पूजा करती हैं.

पूजा करती महिलाएं (फोटो-ANI)

Hartalika Teej-2023: उत्तर प्रदेश में सोमवार को हरतालिका तीज का त्योहार मनाया गया. सुबह ही बड़ी संख्या में महिलाएं प्रयागराज में गंगाघाट पर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर व्रत का शुभारम्भ किया. इस मौके पर महिलाओं ने पहले गंगा स्नान किया और फिर विधि-विधान से पूजा की. बता दें कि यह व्रत-त्योहार परम्परानुसार प्रदेश भर में धूमधाम से सुहागिनें मना रही हैं. अपने पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता पार्वती और भोले बाबा की पूजा करती हैं.

बता दें कि सनातन धर्म के शास्त्रों के हिसाब से तीज का व्रत साल में 3 बार पड़ता है, जिसे हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज के नाम से जानते हैं. ये तीनों व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अपनी संतान की उन्नति व दीर्घायु के लिए रखती हैं. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है. 18 सितम्बर को इस बार यह तिथि पड़ने के कारण इसे सोमवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस बार इस व्रत को लेकर खास बात ये भी है कि शिव-पार्वती का यह व्रत तो है ही साथ ही इस बार शिव के दिन यानी सोमवार को पड़ा है. इसलिए व्रती महिलाओं का मानना है कि सोमवार को पड़ा ये व्रत इस बार अत्यंत शुभकारी है और उनके परिवार पर हमेशा ही भोले बाबा का आशीर्वाद हमेशा बना रहेगा. बता दें कि हरतालिका तीज पर बालू और मिट्टी से बने शिवजी और पार्वती जी के पूरे परिवार की पूजा करने की परम्परा सदियों से चली आ रही है. इस दिन इसीलिए सुहागिनें गंगा तट पर जाकर विधि-विधान से पूजा करती हैं.

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बता दें कि इस व्रत को छत्तीसगढ़ में तीजा कहा जाता है, वहीं उत्तर प्रदेश में तीज और तीजा दोनों ही नाम से इस व्रत को जाना जाता है. यह व्रत निर्जला रखा जाता है, व्रत रखने वाली महिलाएं 24 घंटे न तो पानी पीती हैं और न ही कुछ खाती हैं. इस व्रत का पारण दूसरे दिन सुबह किया जाता है. यानी इस बार इस व्रत का पारण मंगलवार की सुबह होगा.

 

-भारत एक्सप्रेस

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