Bharat Express

Makar Sankranti 2024: कड़ाके की ठंड पर आस्था भारी, वाराणसी से लेकर हरिद्वार के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने किया स्नान, अयोध्या में भी भारी भीड़

Makar Sankranti 2024: आज के दिन स्नान के महत्व को देखते हुए वाराणसी से लेकर प्रयागराज, हरिद्वार और नासिक में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई.

मकर संक्रांति 2024

Makar Sankranti 2024: देश भर में आज मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज के दिन स्नान और दान की परंपरा है. इस दिन सूर्य देव की पूजा से विशेष लाभ मिलता है. हिंदू धर्म में इस दिन खिचड़ी खाने की परंपरा है. वहीं देश के कुछ मंदिरों में भगवान को खिचड़ी का भोग भी लगाया जाता है.

आज के दिन स्नान के महत्व को देखते हुए वाराणसी से लेकर प्रयागराज, हरिद्वार और नासिक में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. गंगा और दूसरी अन्य पवित्र नदियों के तटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. वहीं पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में भी लाखों लोगों ने गंगा स्नान और पूजा अर्चना की. वाराणसी के प्रसिद्ध दशाश्‍वमेध घाट, अस्सीघाट, शीतला घाट, पंचगंगा घाट, खिड़किया घाट, ब्रह्माघाट और राजघाट में रात से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरु हो गया था.

हरिद्वार में चाक चौबंद सुरक्षा

मकर संक्रांति के स्नान को लेकर पुलिस ने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की हैं. यहां लगने वाले मेला क्षेत्र को सात जोन और 17 सेक्टर में बांटा गया है. पुलिस फोर्स को अलग-अलगह जगहों पर तैनात कर दिया गया है. वहीं सीसीटीवी से भी पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जाएगी. ऋषिकुल ऑडिटोरियम में पुलिस फोर्स को बीते दिन ब्रीफ भी किया गया.

उत्तरायण होने पर मकर संक्रांति

सूर्य के उत्तरायण होने पर ही मकर संक्रांति का पावन पर्व मनाया जाता है. उत्तरायण का अर्थ होता है उत्तरी भाग. पूरे साल के दौरान सूर्यउत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध में भ्रमण करते हें. यही दिन और रात की अवधि के बड़े और छोटे होने की वजह भी है.

सूर्य के इस राशि परिवर्तन को गुजरात में उत्तरायण के नाम से ही जाना जाता है,.असम में इस पर्व को बिहू और दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से तो देश के अन्य हिस्सों में मकर संक्रांति और खिचड़ी और दूसरे कई नामों से जाना जाता है. लेकिन अगर इस दिन को रीति रिवाज और परंपराओं के हिसाब से देखा जाए तो लगभग सभी जगह सूर्य देव की पूजा होती है और खानपान में तिल, गुड़, चावल का उपयोग किया जाता है.

आज से दिन होगा बड़ा

जब सूर्य दक्षिण से उत्तर की ओर आते हैं तो पृथवी पर उत्तरी गोलार्ध में दिन बड़ा और रात छोटी होने लगती है. ऐसे में मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश करते हैं और इस तारीख से ही दिन बड़ा होने लगता है. ज्योतिष के अनुसार देखा जाए तो सूर्य जब तक मकर राशि से मिथुन राशि तक संचार करते हैं तब तक वह उत्तरी गोलार्ध में होते हैं और जब सूर्य कर्क से धनु राशि तक होते हैं तब वह दक्षिणी गोलार्ध में होते हैं.

इसे भी पढ़ें: Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति के दिन इन कामों को करने से बचें, जानें स्नान और दान का शुभ मुहूर्त

आज के दिन का शुभ मुहूर्त

15 जनवरी के दिन पुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम को 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा महा पुण्य काल प्रात: काल 07 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह के ही 09 बजे तक रहेगा. इस दौरान स्नान और दान करने का विशेष लाभ मिलेगा.

Bharat Express Live

Also Read