फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो)
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह जम्मू-कश्मीर की शांति और भविष्य को बाधित करने की कोशिश कर रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमारे कई साथी शहीद हो गए हैं, लेकिन आतंकवाद का यह सिलसिला खत्म नहीं हुआ, जो लोग इसे जारी रखना चाहते हैं, वे कश्मीर को पाकिस्तान से मिलाने की गलतफहमी में हैं. 1947 में कश्मीर के लोगों ने यह तय कर लिया था कि वे पाकिस्तान नहीं जाना चाहते.” उन्होंने कहा कि अगर यह स्थिति जारी रही, तो “अंततः सभी की तबाही होगी”.
यूक्रेन, ईरान, और लेबनान से सीखने की जरूरत
इसके अलावा, फारूक अब्दुल्ला ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रहे संघर्षों का भी जिक्र किया, जैसे कि यूक्रेन, ईरान, और लेबनान. उन्होंने कहा कि इन संघर्षों से हमें यह सीखने की जरूरत है कि अंततः बर्बादी ही होती है. वे आतंकवाद को रोकने की अपील कर रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि जो इसे बढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें इसके परिणामों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
हम देश की सुरक्षा के लिए तैयार
उन्होंने स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा स्थिति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बैठकों में प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया है, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक है. उन्होंने कहा कि असली मुद्दों पर विधानसभा में ही चर्चा की जानी चाहिए. उन्होंने चुनावों के दौरान शांति और स्थिति सामान्य होने का जिक्र करते हुए बताया कि अचानक से हमले और संघर्षों में वृद्धि क्यों हो रही है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम आतंकवाद का सामना करेंगे और देश की सुरक्षा के लिए तैयार रहेंगे.
गहरी सोच और चिंतन
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है. ऐसे में मैं इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर सकता हूं. उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर यह संवाद कश्मीर के हालात, आतंकवाद, और राजनीतिक चुनौतियों पर एक गहरी सोच और चिंतन की ओर इशारा करता है.”
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-भारत एक्सप्रेस
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