मनीष सिसोदिया
दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट से आज भी राहत नही मिली. मनीष सिसोदिया की शराब नीति से जुड़े सीबीआई के मामले में न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. जहां कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि को 7 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. वहीं कोर्ट में चार्ज फ्रेम को लेकर भी सुनवाई होनी थी, लेकिन सिसोदिया के वकील के रवैये पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. बाद में वकील ने कोर्ट से माफी मांग ली.
मनीष सिसोदिया के वकील से जज हुए नाराज
कोर्ट में जब मामले की सुनवाई खत्म हो गई, उसके बाद मनीष सिसोदिया के वकील और उनकी पार्टी के दूसरे लोग कोर्ट से वॉकआउट कर गए. इस बात से जज नाराज हो गए, उन्होंने गुस्से में कहा कि हमने तो कोर्ट से बाहर जाने के लिए नही कहा था, हमारी अनुमति के बिना कैसे चले गए, ऐसा बर्ताव हम पहली बार देख रहे है. वैसे ये कोई पहली बार नही है, जब अदालत में जज इस तरह से वकीलों पर भड़के हो, कई मौकों पर कई मुद्दों को लेकर ऐसी ही बहस देखने को मिल जाती है.
सिसोदिया के वकील ने एजेंसी पर उठाए सवाल
मामले की सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने एजेंसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जांच अधिकारी ने कहा था कि मामले में जांच तीन चार महीने में पूरी हो जाएगी, लेकिन अभी तक मामले में जांच चल रही है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर मामले की जांच के दौरान CBI किसी को गिरफ्तार करती है तो चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई शुरू नहीं होगी. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कोर्ट के इस आदेश के बाद मामले में गिरफ्तारी हुई और 164 का बयान भी रिकॉर्ड किया गया है ऐसे में अभी मामले में चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई शुरू नहीं होनी चाहिए.
इसे भी पढ़ें: दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने दाखिल किया हलफनामा
CBI ने किया याचिका का विरोध
कोर्ट में CBI ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जितनी चार्जशीट दाखिल हुई है उसी पर हम बहस करेंगे. नई चार्जशीट पर जांच जारी है. उसपर अभी चार्ज फ्रेम करने पर कोई बहस नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अभी तक हमको आपकी याचिका की कॉपी नहीं मिली है, आपको समय से याचिका दाखिल करनी चाहिए थी ताकि आज आपकी याचिका पर सुनवाई हो सके. कोर्ट ने कहा कि अगर अपने हाई कोर्ट में कोई याचिका दाखिल किया है तो उसका आदेश दिखाइए. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हाई कोर्ट में अभी याचिका सुनवाई के लिए नहीं आई है.