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नए अवतार में पूर्व ED अधिकारी राजेश्वर सिंह, झारखंड में भ्रष्टाचारियों की अब खैर नहीं!

नए अवतार में राजेश्वर सिंह

ईमानदार और दमदार सर्विस के लिए मशहूर राजेश्वर सिंह की नज़रें झारखंड के भ्रष्टाचार के खिलाफ टिक गई हैं. ईडी के संयुक्त निदेशक के पद से इस्तीफा देने के बाद हालांकि अब राजेश्वर सिंह बतौर राजनेता दूसरी पारी खेल रहे हैं. लेकिन, एक वकील के तौर पर उनकी पारी की काफी चर्चा में हैं. लोकपाल के समक्ष शिबू सोरेन केस की सुनवाई 10 नवंबर को है और मामले में वकील राजेश्वर सिंह है. लिहाजा, सोशल मीडिया पर इस इक्वेशन को लेकर खूब बातें हो रही हैं.

राजेश्वर सिंह को बतौर वकील निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर बधाई दी और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी भूमिका की सराहना भी की. वहीं, इस ट्वीट के जवाब में राजेश्वर सिंह ने कहा, “आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को कायम रखा है. उन्हीं के पदचन्हों पर चलते हुए हमें झारखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार के समूल नाश के लिए एक साथ खड़े होकर लड़ाई लड़नी होगी.यही हमारी प्रार्थना है.”

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब से IAS अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, तब से झारखंड का राजनीतिक माहौल में सरगर्मी है. सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और विपक्षी पार्टी बीजेपी के नेताओं के बीच वार-पलटवार जारी है. अब इस राजनीति में ईडी के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह भी वकील की भूमिका में आ गए हैं. पिछले दिनों राजेश्वर सिंह ने ट्वीट कर हेमंत सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सोरेन सरकार को कोड़ा पार्ट टू करार दिया है।

राजेश्वर सिंह कौन हैं

यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे राजेश्वर सिंह इसी साल जनवरी तक ED के संयुक्त निदेशक थे. लेकिन, यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सर्विस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए. लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. बतौर ED अधिकारी उनकी गिनती एक बेहद ही ईमानदार और तेज-तर्रार अधिकारी के तौर पर होती थी. झारखंड के मधु कोड़ा के टाइम में भी जितने घोटाले हुए, उसकी जांच का कार्यभार राजेश्वर सिंह के पास ही था.

-भारत एक्सप्रेस

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