जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी और बसपा प्रत्याशी श्रीकला सिंह
जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी और बसपा प्रत्याशी श्रीकला सिंह ने आम लोगों से अपने संबोधन के दौरान विरोधियों पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को फंसाने के लिए विपक्षी लोग खासकर सत्ताधारी, महाभारत के दुर्योधन और शकुनी की तरह लाक्षागृह बनाने में जुटे हैं. मेरे पति धनंजय भी इस चुनावी महाभारत में अर्जुन की तरह खड़े हैं. मुझे बहू मानकर हर मतदाता योगेश्वर श्रीकृष्ण की तरह खड़ा हो गया है. बसपा प्रत्याशी श्रीकला ने सदर विधान सभा के गांवों, कस्बों और शहरी इलाके के मोहल्लों में भ्रमण के दौरान मंगलवार को यह बात कही.
नहीं चल पाएगा शकुनी और दुर्योधन का खेल
श्रीकला धनंजय सिंह ने मंगलवार को क्षेत्र के गुरैनी, मझाऊरा, करंजा कला, सिद्दीक पुर, खेतासराय से धर्मापुर ब्लॉक के दो दर्जन गावों, कस्बों में भ्रमण किया, उनके पहुंचते ही उन इलाकों के लोगों की भीड़ काफिले में तब्दील नजर आती गई. खासकर युवा मतदाताओं और बुजुर्गों से वह सत्ता से जुड़े लोगों द्वारा अपने पति धनंजय को फिर किसी षड्यंत्र में फंसाने की दुहाई देती रहीं. इसके लिए उन्होंने हजारों साल पुराने महाग्रंथ महाभारत के दो पात्रों दुर्योधन और शकुनी द्वारा पांडवों को मारने के लिए रचे गए षड्यंत्र लाक्षा गृह का उदाहरण दिया.
मेरे लिए हर मतदता परछाईं बनकर खड़ा है साथ
श्रीकला सिंह ने विपक्षियों को दुर्योधन और शकुनी बताते हुए कहा की इस चुनावी महाभारत में दुर्योधन और शकुनी जैसे विपक्षियों से मुकाबले के लिए मुझे मैदान में उतरना पड़ गया, मुझे ताकत आम मतदाताओं से मिल रही है. मेरे पति धनंजय को पहले मुकदमे में फंसाया, उनके जेल जाते ही इन शकुनियों को राहत मिली की चलो इसको तो ऐसे चक्रव्यूह में फंसाया की वह निबट गया. लेकिन उच्च न्यायालय से बेल मिलने की खबर पहले उन्हें मिली तो बौखलाकर पूर्व सांसद को दूसरी जेल में शिफ्ट करा दिया.
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विपक्षी खेमे के लोग अब फिर षड्यंत्र रचने में जुट गए
श्रीकला सिंह ने कहा कि अब धनंजय सिंह जमानत से बाहर आने वाले हैं लेकिन मुझे यह आशंका है कि विपक्षी अब लाक्षागृह जैसा जाल बना रहे होंगे, ऐसा इसलिए है क्योंकि इनके पास बेरोजगारी और महंगाई का कोई जवाब नहीं. पब्लिक पूछ रही और ये धनंजय को चुनाव से बाहर रखने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे मैदान मे आते ही इन्हें अपनी हार सताने लगी है. मुझे आम जनता से झूठे वायदे करने की जरूरत ही नहीं पड़ रही क्योंकि मैं और मेरे पति साल के 365 दिन आमजन के बीच होते हैं और लोगों की जरूरतें पूरी करते हैं. बसपा सुप्रीमो बहन मायावती की सोच को हम गांव-गांव पहुंचा रहे हैं.