सांकेतिक तस्वीर
Go First Flight Latest Updates: एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) ने 12 मई तक अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है. कंपनी ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. इससे पहले 9 मई तक उड़ानों को रद्द करने की सूचना एयरलाइन कंपनी द्वारा दी गई थी. उससे पहले भी कंपनी के सीईओ कौशिक खोना ने जानकारी देते हुए बताया था कि पैसों की कमी के कारण 3 और 4 मई की एयरलाइन की सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक एयरलाइन ने 15 मई तक उड़ानों के लिए नए सिरे से टिकटों की बिक्री भी बंद कर दी है. वाडिया ग्रुप के स्वामित्व वाली गो फर्स्ट एयरलाइन पर तेल विपणन कंपनियों का भी बकाया है. वहीं कंपनी के कई विमान काफी समय से खड़े हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि कंपनी दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है.
ट्विटर पर दी सूचना
एयरलाइंस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बताया, ‘परिचालन संबंधी कारणों से गो फर्स्ट की 12 मई 2023 तक की उड़ानें रद्द हैं. असुविधा के लिए हम क्षमा चाहते हैं और ग्राहकों से अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर जाने का अनुरोध करते हैं. किसी भी सवाल के लिए कृपया बेझिझक हमसे संपर्क करें. विमानन नियामक डीजीसीए ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि गो फर्स्ट विमानन कंपनी ने 15 मई तक टिकट बिक्री पर रोक लगा दी है. डीजीसीए ने विमानन कंपनी को यात्रियों के टिकट के पैसों को लौटाने का भी निर्देश दिया है. हालांकि ट्विटर पर कंपनी के इस फैसले पर तमाम यात्री अलग-अलग बातों को लेकर अपनी आपत्ति जता रहे हैं.
Due to operational reasons, Go First flights until 12th May 2023 are cancelled. We apologise for the inconvenience caused and request customers to visit https://t.co/qRNQ4oQjYT for more info. For any queries or concerns, please feel free to contact us. pic.twitter.com/wqQIm6ZDqT
— GO FIRST (@GoFirstairways) May 5, 2023
इसे भी पढ़ें: SCO Meet: एस जयशंकर ने बिलावल भुट्टो को बताया ‘आतंकी इंडस्ट्री का प्रवक्ता’, पाकिस्तान को जमकर लगाई लताड़
दिवाला याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
विमानन कंपनी गो फर्स्ट ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका दायर की थी. गुरुवार को इस मामले में NCLT ने याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंगम सुधाकर की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने दिनभर चली सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखने की जानकारी दी.