शिवपाल सिंह यादव
Gomti River Front Case: यूपी के मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को बड़ा झटका लगा है. शिवपाल और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक साथ आने के कुछ दिनों बाद ही योगी सरकार ने सोमवार को उनकी सुरक्षा घटा दी है. वहीं, अब शिवपाल सिंह यादव के सामने एक नई मुश्किल आ गई है.
लखनऊ स्थित गोमती नदी के तट पर बने रिवर फ्रंड के घपले का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. इस घोटाले की जांच की जद में तत्कालीन सिचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) और दो बड़े अफसरों के आने की बात कही जा रही है. जानकारी के मुताबिक, सीबीआई पूछताछ की तैयारी कर रही है और इसके लिए उसने सरकार से अनुमति मांगी है. सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लेने के लिए सिचाई विभाग से इस घोटाले से संबंधित फाइल को तलब किया है.
कई इंजीनियरों को गिरफ्तार कर चुकी है सीबीआई
साल 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच कराई थी. इस जांच में घपला सामने आने के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया गया. इस मामले में सीबीआई कई इंजीनियरों को गिरफ्तार कर चुकी है. तो वहीं अब दो आईएएस अफसर समेत तत्कालीन सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव की भूमिका की भी जांच सीबीआई करना चाहती है.
जब तक मैं मंत्री रहा, गड़बड़ी नहीं हुई- शिवपाल
गोमती रिवर फ्रंट की जांच शुरू होने के बाद कई बार मीडिया ने शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) से सवाल किया. जिस पर शिवपाल यादव ने कहा कि जब तक मैं मंत्री रहा, गड़बड़ी नहीं हुई. बाद में क्या हुआ मुझे नहीं पता.
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बता दें कि गोमती रिवर फ्रंट परियोजना के लिए समाजवादी पार्टी सरकार ने 2014-15 में 1513 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे. सपा सरकार के कार्यकाल में ही 1437 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए थे. स्वीकृत बजट की 95 फीसदी राशि जारी होने के बावजूद 60 फीसदी काम पूरा नहीं हो पाया. जिसके बाद 2017 में सत्ता में आते ही सीएम योगी ने पहले न्यायिक जांच कराई, जिसमें घपले की बात सामने आई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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