सांकेतिक तस्वीर
बिते दिनों प्रदेश के आयुष कॉलेजों में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था. जहां फर्जी तरीके से विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था. प्रवेश लेने वाले 891 निलंबित विद्यार्थियों को महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय ने बर्खास्त करने का फैसला लिया है. साथ ही इन छात्रों को इनरोलमेंट नंबर जारी करने पर रोक लगा दी गई है. जिन छात्रों के इनरोलमेंट नंबर जारी कर दिए गए हैं, उन्हें बर्खास्त किया जाएगा. अब तक प्रदेश के 12 कॉलेजों ने 200 से अधिक निलंबित छात्रों की सूची विश्वविद्यालय प्रशासन को दे दी है.
जानकारी के अनुसार, प्रदेश के 104 सरकारी और निजी कॉलेजों को मिलाकर आयुष, यूनानी और होम्योपैथी की 7338 सीटें हैं. इन सीटों पर इस बार नीट काउंसिलिंग के जरिए प्रवेश लिया गया था. लेकिन, प्रवेश के बाद रजिस्ट्रेशन और फार्म भरने की प्रक्रिया के दौरान 891 छात्र ऐसे पाए गए जिन्होंने कागजों में हेर-फेर कर प्रदेश के कॉलेजों में सत्र 2021-22 में दाखिल लिया है.
इसके बारे में आयुर्वेद निदेशालय को सूचना दे दी गई है. जांच में पाया गया कि इनमें 22 छात्र ऐसे हैं, जो नीट की प्रवेश परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे, लेकिन इनका भी दाखिला आयुष कॉलेजों में हो चुका था. कई अन्य छात्रों का दाखिला मेरिट में हेर-फेर के जरिए आयुष कॉलेजों में किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुष निदेशालय ने ऐसे 891 छात्रों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, आयुष विश्वविद्यालय ने अब इन छात्रों के इनरोलमेंट नंबर जारी करने पर रोक लगा दिया है. साथ ही उन छात्रों को बर्खास्त करने का फैसला भी लिया है.
मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 12 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने 200 ऐसे छात्रों की सूची भेज दी है, जिन्होंने फर्जीवाड़ा कर दाखिला प्राप्त किया था. अन्य कॉलेज भी ऐसे छात्रों की सूची भेज रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस