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Gorakhpur: ‘धर्म एक ही है, सिर्फ सनातन, बाकी सब संप्रदाय और उपासना पद्धति’, गोरखनाथ मंदिर में बोले सीएम योगी

Gorakhnath Temple: इस मौके पर सीएम ने कहा, सभी भारतवासियों को गौरव की अनुभूति करनी चाहिए कि हमने भारत में जन्म मिला है. क्योंकि, भारत में जन्म लेना दुर्लभ है और उसमें भी मनुष्य का शरीर पाना और भी दुर्लभ है.

सीएम योगी आदित्यनाथ

Gorakhpur: सोमवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) ने गोरखपुर (Gorakhpur) में स्थित गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir) में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 54वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 9वीं पुण्यतिथि समारोह में हिस्सा लिया. इस मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, “धर्म एक ही है, वह है सनातन धर्म, बाकी सब संप्रदाय और उपासना पद्धति हैं.” सीएम ने आगे कहा, सनातन धर्म मानवता का धर्म है. यदि सनातन धर्म पर आघात होगा तो विश्व की मानवता पर संकट आ जाएगा.

बता दें कि युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 54वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 9वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत गीता कथा का आयोजन मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में किया गया था. सोमवार को कथा ज्ञानयज्ञ का विश्राम सत्र था. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. तो वहीं श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, “श्रीमद्भागवत का सार समझने के लिए विचार में संकीर्णता नहीं होनी चाहिए. संकुचित सोच वाले विराटता का दर्शन नहीं कर सकते.” इसी के साथ उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा को लेकर कहा कि,” इस कथा ज्ञान यज्ञ में सातों दिन पूरी तन्मयता के साथ आप सभी ने कथा का श्रवण किया यह निश्चित ही जीवन में कुछ अच्छे परिवर्तन का कारण बनेगा.”, वहीं इस मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने मुख्यमंत्री के विचार सुने.

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दो तीन घंटे में नहीं बांधा जा सकता

इस मौके पर श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, “भागवत कथा तो अपरिमित है. इसे दिन या घंटों में बांधा नहीं जा सकता है.” वह आगे बोले,” यह कथा सनातन रूप से प्रवाहित होती रहेगी और हम सभी श्रद्धालु भागवत रस का जीवन में पान करते रहे हैं.” इसी के साथ उन्होंने भारत में जन्म लेने वालों को कहा कि, ” सभी भारतवासियों को गौरव की अनुभूति करनी चाहिए कि हमने भारत में जन्म मिला है. क्योंकि, भारत में जन्म लेना दुर्लभ है और उसमें भी मनुष्य का शरीर पाना और भी दुर्लभ है.”

-भारत एक्सप्रेस

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