सांकेतिक फोटो
Gujarat: अभी नीट पेपर लीक का मामला देश भर में चर्चा का विषय बना ही हुआ है कि गुजरात के होम्यापैथ डॉक्टर के फ्रॉड का मामला सामने आने के बाद चर्चा का बाजार और भी गर्म हो गया है. पांच साल पुराने इस मामले में मेहसाणा के निवासी एमबीबीएस की डिग्री के लिए यूपी की एक यूनिवर्सिटी को 16.3 लाख रुपये की मोटी रकम चुकाई और उनको बिना प्रवेश व परीक्षा दिए एक महीने के अंदर डिग्री भी मिल गई थी, लेकिन जांच पड़ताल में डिग्री फर्जी निकली. फिलहाल 2019 के इस मामले में पुलिस ने अब एफआईआर दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.
जानें क्या है पूरा मामला
मेहसाणा निवासी सुरेश पटेल (41) ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है. उन्होंने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया है कि जुलाई 2018 में ऑल इंडिया अल्टरनेटिव मेडिकल काउंसिल नामक एक फोरम के माध्यम से एमबीबीएस की डिग्री देने वाली एक वेबसाइट मिली थी. जब उसने इस पर संपर्क किया तो डॉ. प्रेम कुमार राजपूत बातचीत हुई और उन्होंने ये भरोसा दिया कि 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर एमबीबीएस की डिग्री मिल जाएगी. पुलिस से शिकायत करते हुए सुरेश पटेल ने कहा कि पहले मुझे इस पर कुछ शक हुआ लेकिन जब राजपूत ने सब कुछ कानूनी होने का भरोसा दिया तो मैने भी उस पर विश्वास कर लिया. राजपूत ने पटेल से कहा कि उनको इंटर्नशिप का मौका मिलेगा और वह परीक्षा भी देंगे. पांच साल में उनको डिग्री मिलेगी. इस पर उन्होंने सबसे पहले 50,000 रुपये का भुगतान किया, जिसके बाद उसे झांसी में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से प्रवेश पत्र मिल गया.
राजपूत से करीब हुई 25 बार बात
सुरेश पटेल ने पुलिस को शिकायत करते हुए दावा किया कि इस दौरान उनकी राजपूत से करीब 25 बार बात हुई और उन्होंने कहा कि डॉ. सौकेत खान, डॉ. आनंद कुमार और अरुण कुमार कोर्स पूरा करने में उनकी मदद करेंगे. पटेल ने कहा कि इतना आश्वासन मिलने के बाद मैंने 10 जुलाई, 2018 से 23 फरवरी, 2019 के बीच 16.3 लाख रुपये का भुगतान कर दिया और आवेदन का इंतजार किया लेकिन मार्च 2019 में मुझे कूरियर के जरिए एमबीबीएस मार्कशीट, डिग्री सर्टिफिकेट, इंटर्नशिप ट्रेनिंग सर्टिफिकेट और मेरे नाम का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिला, जिस पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की मुहर लगी थी. हालांकि एमसीआई से जब संपर्क कर सब कुछ मालूम किया तो पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है.
मामला अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को भी सौंपा गया
पटेल ने कहा कि अपने साथ हुई ठगी की शिकायत उन्होंने पुलिस से की. फिलहाल पुलिस ने इस मामले को 2019 में ही अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था लेकिन अभी तक इसका कोई परिणाम नहीं निकला. इस दौरान उन्होने कुछ और सबूत जुटाए और फिर से दिसंबर 2023 में मेहसाणा एसपी के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, जिसे नंदसन पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया. इसके बाद पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ आईपीसी के तहत विश्वासघात, धोखाधड़ी और उकसाने के लिए 14 जून को रिपोर्ट दर्ज की.
-भारत एक्सप्रेस
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