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ज्ञानवापी में पूजा आदेश देने के बाद रिटायर्ड हुए जज, ऐतिहासिक फैसले के साथ पूरा हुआ कार्यकाल

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी तहखाने में हिंदू पक्ष को कोर्ट ने पूजा का आदेश दे दिया है. इस आदेश को देने वाले जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश 31 जनवरी 2024 को रिटायर्ड हो गए.

Gyanvapi Case

ज्ञानवापी केस.

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में पूजा का आदेश देने वाले वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश रिटायर हो गए हैं. न्यायिक सेवा के आखिरी दिन उन्होंने ज्ञानवापी पर अहम फैसला दिया. इस फैसले के साथ ही उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. बता दें कि पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी में एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया था. मगर, अब ज्ञानवापी में व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करने का भी अधिकार मिल गया है.

कब चर्चा में आए अजय कृष्ण विश्वेश

जानकारी रहे कि साल 2016 में वाराणसी जिला जज की आदालत में व्यास परिसर ने यह याचिका दाखिल की थी. जज के कार्यकाल के दौरान अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में दोनों ही पक्षों की बहस पूरी हुई थी. जिला जज बनने से पहले वे राज्य के कई न्यायिक पदों पर तैनात रहे. जब ज्ञानवापी मामले की सुनवाई हो रही थी उस वक्त ये चर्चा में आए. बता दें कि जिला जज के तौर अजय कृष्ण विश्वेश, वाराणसी में साल 2021 में कार्यभार संभाला था.

हिंदू पक्ष ने क्या कहा?

बता दें कि अजय कृष्ण विश्वेश की बेंच जिला प्रशासन को सात दिनों के भीतर ज्ञानवापी में पूजा की व्यवस्था को बनाने का आदेश दिया है. जिसके बाद हिंदू पक्ष ने कहा कि यह बहुत बड़ी जीत है. इसके अलावा हिंदू पक्ष ने यह भी कहा है कि 30 साल बाद न्याय मिला है. साल 1993 में यहां नियमित तौर पर पूजा-पाठ होती थी.

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मुस्लिम पक्ष करेगा हाईकोर्ट का रुख

ज्ञानवापी तहखाने में पूजा का अधिकार दिए जाने के बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से भी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है. अंजुमन इंताजामिया मस्जिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद दे कहा है कि कोर्ट का यह फैसला गलत है. इस मामले में पहले जो आदेश दिए गए थे उसके मद्देनजर ही आदेश दिया गया है. हमलोग इसके खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेंगे.

विश्वनाथ मंदिर के पुजारी देखेंगे साफ-सफाई की व्यवस्था

बताते चलें कि 17 जनवरी को जिला प्रशासन ने कोर्ट का आदेश मिलने के बाद व्यास जी के तहखाने को अपने नियंत्रण में ले लिया था. जिसके बाद एएसआई (ASI) के तहखाने की साफ-सफाई हुई. अब व्यास जी का तहखाना जिला मजिस्ट्रेट की कस्टडी में है. ऐसे में विश्वनाथ मंदिर के जो पुजारी वो तहखाने की साफ-सफाई की व्यवस्था देखेंगे.

-भारत एक्सप्रेस

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