मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
Delhi liquor policy case: दिल्ली उच्च न्यायालय गुरुवार को 2021-22 आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की दलीलें सुनेगा. सीबीआई ने बुधवार को यह तर्क देते हुए जमानत याचिका का विरोध किया कि आप नेता सत्ता में हैं और उनका राजनीतिक रसूख है.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल
जांच एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी.राजू ने कहा कि सिसोदिया ने आबकारी सहित विभिन्न विभागों को नियंत्रित किया और जिस दिन मामला उपराज्यपाल द्वारा सीबीआई को भेजा गया था, उस दिन जानबूझकर साक्ष्य और एक मोबाइल फोन को नष्ट कर दिया था. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ के समक्ष, सीबीआई ने नीतिगत दस्तावेजों से संबंधित एक लापता फाइल का भी उल्लेख किया और कहा कि यह शायद इसलिए गायब हो गई क्योंकि इसमें कुछ ऐसी टिप्पणियां थीं, जो रुचिकर नहीं थीं.
अंतरिम जमानत की मांग
सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर मामले में अंतरिम जमानत की मांग करते हुए तीन अप्रैल को उच्च न्यायालय का रुख किया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही एक अन्य मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 23 मई तक बढ़ा दी थी. ईडी ने सिसोदिया को 9 मार्च को और सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे मामले में, दिल्ली की अदालत ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी थी.
– आईएएनएस
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